नई दिल्ली । शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान विजय माल्या की तरफ भारत में जान का खतरा होने की दलील दी गई है। माल्या ने एक बार फिर दावा किया कि उनके खिलाफ लगाए गए सारे आरोप आधारहीन और झूठे हैं। इससे पहले की सुनवाई में माल्या ने भारत की खराब जेलों का हवाला दिया था। माल्या की इस दलील के बाद अभियोजन पक्ष अब माल्या की सुरक्षा को लेकर रूपरेखा तैयार कर रहा है। बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में विवादों में घिरने के बाद भारत से निकलकर ब्रिटेन में रह रहे माल्या बार-बार कह चुके हैं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया।
बता दें कि विवादों में घिरे शराब व्यवसायी विजय माल्या प्रत्यर्पण मुकदमे से पहले की सुनवाई के लिए एक लंदन के एक स्थानीय अदालत पहुंचे। भारत में माल्या की जान को खतरा बताते हुए उनके वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को भारत में जान का खतरा है। बता दें कि 61 वर्ष माल्या इस समय प्रत्यर्पण वारंट मामले में जमानत पर हैं। उन्हें प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई शुरू होने तक अदालत के समक्ष हाजिर होने से छूट दी गई थी। यह सुनवाई 4 दिसंबर को शुरू होगी। विदित हो कि भारत में माल्या की बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस पर विभिन्न बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया है। इसको लेकर उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला है। माल्या ने दो मार्च 2016 को भारत छोड़ दिया था और तब से वह ब्रिटेन में रह रहे हैं।