नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार दोपहर देश की अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर कुछ अहम व्यवस्थाओं का ऐलान किया है । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने संबंधी कई फैसले लिए हैं । उन्होंने कहा कि देश में मांग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उपभोक्ता खर्च और पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए उपाय कर रही है । इतना ही नहीं सरकार ने LTC कैश बाउचर्स के साथ ही फेस्टिवल एडवांस स्कीम बनाई है , जिससे सीधे सीधे लोगों को लाभ होगा ।
क्या है एलटीसी से जुड़ी कैश बाउचर स्कीम
वित्तमंत्री ने इस दौरान LTC यानी यात्रा अवकाश भत्ते को लेकर बताया कि इसे ध्यान में रखते हुए सरकार कैश बाउचर स्कीम लाई है । इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को नकद बाउचर मिलेगा , जिससे वो खर्च कर सकेंगे और इससे अर्थव्यवस्था में भी बढ़त होगी । इसका लाभ पीएसयू और सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों को भी मिलेगा ।
योजना की अहम बातें...
- उन्होंने बताया कि एलटीसी के बदले नकद भुगतान भी अब डिजिटल ही होगा ।
- यह 2018-21 के लिए होगा. इसके तहत ट्रेन या प्लेन के किराये का भुगतान होगा और वह टैक्स फ्री होगा ।
- इसके लिए कर्मचारी का किराया और अन्य खर्च तीन गुना होना चाहिए ।
- सामान या सेवाएं जीएसटी रजिस्टर्ड वेंडर से ही लेनी होंगी और सेवाओं का भुगतान भी डिजिटल माध्यम से होना चाहिए ।
- इससे केंद्र और राज्य कर्मचारियों के खर्च के द्वारा करीब 28 हजार करोड़ रुपये मांग इकोनॉमी में पैदा होगी ।
क्या है फेस्टिवल एडवांस
इसी क्रम में निर्मला सीतारमण ने फेस्टिवल एडवांस स्कीम के बारे में भी विस्तार से बताया ।
- उन्होंने कहा इस स्कीम का विस्तार सिर्फ इसी साल के लिए दोबारा से शुरू किया जा रहा है ।
- इस स्कीम के तहत 10 हजार रुपये का एडवांस सभी तरह के कर्मचारियों को मिलेगा जिसे वे 10 किस्त में जमा कर सकते हैं।
- यह 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध रहेगा. यह प्रीपेड रूपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा ।
राज्यों को बिना ब्याज का लोन
इस दौरान उन्होंने कहा कि पूंजीगत बढ़ाने का अर्थव्यवस्था पर कई गुना असर होता है । इसका न सिर्फ मौजूदा जीडीपी बल्कि आगे की जीडीपी पर भी असर होता है। 50 साल का ब्याज रहित लोन राज्यों को 12 हजार करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए दिया जाएगा ।
- उन्होंने कहा कि इसका तीन हिस्सा होगा-2500 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर, उत्तराखंड और हिमाचल को दिया जाएगा ।
- इसके बाद 7500 करोड़ रुपये अन्य राज्यों को वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक दिया जाएगा ।
- इसके बाद तीसरा 2,000 करोड़ रुपये का हिस्सा उन राज्यों को मिलेगा जो कि आत्मनिर्भर के तहत ऐलान चार में से कम से कम 3 सुधार लागू करेंगे।
- यह पूरा लोन 31 मार्च 2021 से पहले दिया जाएगा. यह राज्यों को पहले से मिल रहे लोन के अतिरिक्त होगा