लखनऊ। बुुलंदशहर में हुई हिंसा में शामिल कथित आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार करने में नाकाम रही योगी सरकार पर अब पूर्व प्रशानिक अधिकारियों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। बुधवार को करीब 83 पूर्व अधिकारियों ने इस मामले की सही जांच नहीं करवाने और पक्षपात का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की है। इन अधिकारियों से आरोप लगाया कि जिन लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए सरकार उन्हें बचाने में लगी हुई है। अपने खुले खत में सेवानिवृत्त अफसरों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया। इसके अलावा वह सिर्फ गोकशी के मामलों पर ध्यान दे रहे हैं।
गौरतलब है कि पूर्व अधिकारियों ने यह आरोप लगाया कि भीड़ के द्वारा पुलिस वालों की हत्या कर देना बहुत ही दर्दनाक है। बता दें कि बुलंदशहर हिंसा की एसआईटी जांच पूरी हो चुकी है। जांच में इस बात का पता चला कि हिंसा से पहले गोकशी की घटना हुई थी। अब तक इसके आरोपी 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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यहां बता दें कि योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगने वाले पूर्व अधिकारियों ने कहा कि बुलंदशहर हिंसा को राजनीतिक रंग जानबूझकर दिया गया। इन अधिकारियों ने खुला पत्र लिखकर सवाल उठाते हुए कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और हिंसा से जुड़े पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
गौर करने वाली बात है कि 3 दिसंबर को बुलंदशहर में गोकशी के बाद हिंसा भड़क गई थी जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार से मिलने के बाद उनकी पेंशन और मुआवजे का ऐलान किया था।