न्यूज डेस्क । विवादों में घिरे अडानी ग्रुप ने पिछले दिनों हुए अपने नुकसान की भरपाई के लिए नया एक्शन प्लान बनाया है । पिछले तीन हफ्ते के दौरान कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज हुई है , जिसके चलते गौतम अडानी (Gautam Adani) भी अमीरों की लिस्ट में टॉप-20 से बाहर निकल गए । इन सभी स्थितियों को देखते हुए कंपनी ने अब नई स्ट्रैटजी बनाई जिस पर वह काम करेगी। असल में शेयरों में आई बड़ी गिरावट के बाद कंपनी ने अपने रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट को कम कर दिया है । कंपनी ने इसको 40 फीसदी कम करने का फैसला लिया है। इस टारगेट को घटाकर अब आधा कर दिया है।
कैपिटल एक्सपेंडीचर की गति को धीमा करेगी
बता दें कि अडानी समूह ने अपने राजस्व ग्रोथ के लक्ष्य को घटा दिया है और इसके साथ ये ग्रुप नए कैपिटल एक्सपेंडीचर की गति को भी धीमा करने जा रहा है । ऐसा अडानी समूह के ऊपर अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च की निगेटिव रिपोर्ट आने के कुछ दिनों बाद हुआ है । ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडानी के समूह ने अब अगले वित्त वर्ष के लिए 15-20 फीसदी ग्रोथ का लक्ष्य बनाया है जो कि पहले 40 फीसदी पर रखा गया था. इस तरह देखा जाए तो इसको घटाकर करीब आधा कर दिया गया है ।
केपैक्स प्लान को भी धीमा करेगा अडानी समूह
इसी बीच समूह के कैपिटल एक्सपेंडीचर प्लान या केपैक्स प्लान को भी धीमा करने की योजना बनाई गई है । ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अब समूह अपने धुआंधार एक्सपेंशन पर ध्यान देने के बजाए आर्थिक हालत को मजबूत करने पर ज्यादा फोकस कर रहा है ।
117 अरब डॉलर फिसला मार्केट कैप
बता दें पिछले 24 महीने की 24 तारीख को पब्लिश हुई रिपोर्ट के बाद कंपनी में उथल-पुथल मच गई. इसके साथ ही ग्रुप को हर दिन भारी नुकसान उठाना पड़ा है । अब तक कंपनी का मार्केट कैप करीब 117 अरब डॉलर गिर चुका है ।
होगी कानूनी लड़ाई
हिंडबर्ग के नुकसान से निपटने के लिए कंपनी कई तरह के प्रयास कर रही है । गौतम अडानी का Adani Group एक सामान्य ऑडिट करने के लिए 'बिग फोर' (Deloitte, EY, KPMG और PwC) अकाउंटिंग फर्मों में से एक को नियुक्त करने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही इस कानूनी लड़ाई को लड़ने के लिए लॉ फर्म वॉचटेल (Wachtell) को भी चुन लिया गया है ।
अडानी ग्रुप ने दिया 413 पन्नों का जवाब
हालांकि अडानी समूह ने हिंडनबर्ग समूह की रिपोर्ट को निराधार बताते हुए कहा कि उसमें लगाए हुए आरोप आधारहीन और तथ्यों से परे हैं । समूह ने 413 पन्नों की एक रिपोर्ट भी जारी की जिसमें कंपनियों के कारोबार में जानकारी दी गई और हिंडनबर्ग रिसर्च के रिपोर्ट को गलत और दुर्भावनाओं से प्रेरित बताया गया है ।