वाराणसी । Gyanvapi Masjid Verdict । देश के बहुचर्चित ज्ञानवापी मामले में सोमवार दोपहर यूपी की वाराणसी कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है । वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने ज्ञानवापी श्रृंगारगौरी पोषणीयता मामले में फैसला हिंदू पक्ष के हक में सुनाते हुए कहा कि इस याचिका सुनवाई लायक है और इस पर अगली सुनवाई 22 तारीख को होगी । कोर्ट ने इस दौरान माना कि 1991 का जो वर्शिप एक्ट है वह श्रृंगारगौरी के इस मामले में नहीं बनता । इसके साथ ही हिंदू पक्ष ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है । इतना ही नहीं प्रदेश के सभी संवेदनशील शहरों में भारी सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं ।
विदित हो कि वाराणसी-ज्ञानवापी परिसर को लेकर दायर मुकदमा नंबर 693/2021 (18/2022) राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य. उपरोक्त मुकदमे को लेकर वाराणसी के जिला जज ने अपना ऐतिहासिक निर्णय देते हुए कहा - उपरोक्त मुकदमा न्यायालय में चलने योग्य है, यह निर्धारित करते हुऐ, प्रतिवादी संख्या. 4 अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी के द्वारा दिऐ गऐ 7/11 के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया । जब फैसला सुनाया तब हिंदुपक्ष के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु जैन इस दौरान मौजूद थे. इसके अलावा 5 वादी महिलाओं में से 3 - लक्ष्मी देवी, रेखा आर्य और मंजू व्यास पहुंचीं । राखी सिंह और सीता साहू नहीं आईं कोर्ट रूम में पक्षकारों व उनके वकीलों के कुल करीब 40 लोगों को ही एंट्री मिली । कोर्ट रूम से 50 कदम दूर ही बाकी लोगों की इंट्री रोकी दी गई थी ।
इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है । कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया है । अब मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है । मुस्लिम पक्ष के सारे फर्जी दावे खारिज कर दिए गए हैं ।
बता दें कि 18 अगस्त 2021 को विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जीतेंद्र सिंह विषय के नेतृत्व में राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में एक मुकदमा दाखिल किया था। मुकदमे में पांचों महिलाओं ने मांग की थी कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन पूजन की अनुमति मिले ज्ञानवापी परिषद में अन्य देवी देवताओं के विग्रह की सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम है. इस याचिका पर 23 अगस्त की सुनवाई में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई । दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था ।