मुंबई । हनुमान चालीसा पाठ को लेकर राजद्रोह का केस में जेल गए अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को बुधवार सुबह बड़ी राहत मिली है । इस मामले में सेशन कोर्ट से दंपत्ति को 50 हजार के निजी मुचलके पर कई शर्तों के साथ जमानत दे दी है । कोर्ट ने शर्तों में कहा है कि राणा दंपत्ति न तो मीडिया से बात कर सकते हैं और न ही सबूतों से छेड़छाड़ की कोई कोशिश करेंगे । इतना ही नहीं कोर्ट ने दंपत्ति को हिदायत देते हुए कहा कि वह दोबारा ऐसा कोई अपराध नहीं करेंगे । इसके अलावा पुलिस उन्हें 24 घंटे पहले नोटिस देगी, जिसके बाद उन्हें पुलिस स्टेशन में हाजिरी देने जाना होगा । बहरहाल , खबर है कि वह शाम तक जेल से बाहर आ जाएंगे ।
विदित हो कि गत 23 अप्रैल को राणा दंपत्ति को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा से होने वाले विवाद के चलते गिरफ्तार कर लिया गया था ।
गत शनिवार को मुंबई की सेशन कोर्ट ने दोनों पक्ष के वकीलों ने जमानत अर्जी को लेकर अपनी अपनी दलीलें दी थाीं , जिसके बाद कोर्ट ने जमानत पर फैसले को सुरक्षित रख लिया था । मंगलवार को आदेश इसलिए नहीं दिया जा सका क्योंकि अदालत अन्य मामलों में व्यस्त थी और इस केस से संबंधित कुछ दस्तावेज पूरे नहीं हो पाए थे ।
बहरहाल , कोर्ट ने बुधवार को दंपत्ति को कई शर्तों के साथ जमानत दे दी है । कोर्ट का कहना है कि जमानत मिलने के बाद अगर वे दोबारा से इस तरह की हरकतें करते हैं तो उनकी जमानत रद्द हो जाएगी ।
हालांकि इससे पहले राणा दंपति ने अपने खिलाफ राजद्रोह और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मुंबई पुलिस की एफआईआर के मामले में जमानत के लिए अदालत का रुख किया था । उनकी जमानत याचिका में कहा गया था कि 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के आह्वान को विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी या घृणा की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य वाला नहीं कहा जा सकता और आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत इस आरोप को कायम नहीं रखा जा सकता । उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि उनका इरादा किसी को भड़काने का नहीं था ।