नई दिल्ली। राममंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर आज से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो रही है। इस मामले से जुड़े सभी पक्षकार अपने वकीलों के साथ दिल्ली पहुंच चुके हैं। बता दें कि पिछली सुनवाई में अदालत ने सभी पक्षकारों को दस्तावेजों के अनुवाद के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। इस मामले में आपसी सुलह या कोर्ट के बाहर सुलह होने की संभावना काफी कम दिखाई दे रही है ऐसे में अब पूरी निगाह सुप्रीम कोर्ट पर टिकी है।
गौरतलब है कि अयोध्या विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाने की कोशिश में जुटे आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के प्रयासों को भी झटका लगा है। उनके इस प्रयास को मंदिर-मस्जिद से जुडे़ लोगांे ने विरोध करना शुरू कर दिया है। श्री श्री ने कह था कि अगर अयोध्या में राममंदिर नहीं बना तो यहां सीरिया जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। यहां बता दें कि पक्षकार इकबाल अंसारी ने बताया कि वह दिल्ली नहीं जा रहे हैं, जब उनकी आवश्यकता होगी तो जाएंगे। फिलहाल अपने वकीलों के संपर्क में रहकर और समाचार चैनलों के माध्यम से पूरे मामले पर नजर रखेंगे।
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सभी पक्षकारों का कहना है कि सुलह-समझौते की गुंजाइश अब दूर की बात हो गई। इसलिए हमारी आस तो अब सुप्रीम कोर्ट पर ही टिकी हुई है। पक्षकारों ने कहा कि फैसला किसी के हक में हो सभी को मान्य होगा।अयोध्या मामले के पक्षकार महंत धर्मदास ने कहा कि राममंदिर पर अब राजनीति बंद होनी चाहिए। सुलह-समझौते के नाम पर कुछ लोग अपनी दुकान चमकाने पर लगे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी होना है वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से ही होना है।