Friday, April 26, 2024

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जम्मू कश्मीर से सेना हटाने जा रही है सरकार! अंदरूनी इलाकों से धीरे- धीरे जवानों की संख्या कम करने पर मंथन जारी

अंग्वाल न्यूज डेस्क
जम्मू कश्मीर से सेना हटाने जा रही है सरकार! अंदरूनी इलाकों से धीरे- धीरे जवानों की संख्या कम करने पर मंथन जारी

न्यूज डेस्क । जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद दोनों अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं । भले ही इसे लेकर घाटी के अलगाववादी संगठनों के साथ ही दुनिया के कुछ देशों में खलबली मची हो , लेकिन भारत सरकार ने घाटी में जवानों की तैनाती बढ़ाते हुए किसी भी स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी करके रखी । बहरहाल , अब इस सबसे इतर खबर आ रही है कि केद्र की मोदी सरकार जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तीन साल बाद घाटी से सुरक्षा बलों को हटाने की तैयारी कर रही है । ऐसी खबर है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर के अंदरूनी इलाकों से सेना की तैनाती को हटाने की योजना पर मंथन बैठकें करना तेज कर दिया है । पिछले कुछ समय में इस मुद्दे को लेकर गृहमंत्रालय , रक्षामंत्रालय , सुरक्षा बल और जम्मू कश्मीर पुलिस की संयुक्त बैठकें हुई हैं , जिसमें प्रदेशों के अंदरूनी इलाकों से सुरक्षाबलों की तैनाती कम करने पर चर्चा हुई है । 

सिर्फ LOC पर तैनात होगी सेना

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार , पिछले दो सालों से कश्मीर के भीतरी इलाकों से सेना हटाने के प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है । केंद्र की मोदी सरकार जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किए जाने के बाद इस मुद्दे पर विचार कर रही है । जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के साथ ही इस राज्य का विशेष राज्य का दर्जा हट गया था , जिसके चलते जम्मू-कश्मीर में बड़े स्तर पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी । लेकिन अब खबर आ रही है कि सरकार सुरक्षाबलों को घाटी के अंदरूनी इलाकों से हटा सकती है । इस प्रक्रिया को धीरे धीरे अंजाम दिया जाएगा । इसके बाद दोनों राज्यों में सेना अंदरूनी इलाकों से हटकर मात्र एलओसी तक सीमित रह जाएगी । 

हटाए जा सकते हैं जवान

खबरों के अनुसार , रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के शामिल होने से इस बातचीत में तेजी आई है । घाटी में कानून-व्यवस्था और आतंकरोधी अभियानों के लिए भारतीय सेना के साथ तैनात की गई सीआरपीएफ को हटाया जा सकता है । इस मुद्दे पर सेना के अफसरों ने कहा कि इस मामले में मंत्रालय स्तर पर बातचीत जारी है । संभावना जताई जा रही है कि इस मुद्दे पर जल्द फैसला हो सकता है । ऐसी सूचना है कि इस मुद्दे पर एक ठोस फैसला ले किया गया है लेकिन अभी इसका ऐलान करने के लिए सही समय की इंतजार किया जा रहा है । सेना के एक वरिष्ठ अफसर का इस मुद्दे पर कहना है कि यह फैसला सरकार को ही करना है । उन्होंने कहा कि जब तक कोई फैसला नहीं आता है, तब तक कोई भी हलचल नजर नहीं आएगी । 

केंद्र शासित राज्य बनने पर कम हुई आतंकी घटनाएं


गृह मंत्रालय के मुताबिक, आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद से आतंकी घटनाओं और सुरक्षा बलों की मौतों के आंकड़े 50 फीसदी कम हो गए हैं । पत्थरबाजी की घटनाएं खत्म हो चुकी हैं । भारतीय सेना की मौजूदगी से घाटी के भीतरी इलाकों में शांति व्यवस्था कायम हो सकी है । एक अन्य अधिकारी का कहना है कि आतंकरोधी अभियानों को चलाने का जिम्मा जम्मू-कश्मीर पुलिस को सौंपे जाने पर भी चर्चा की जा रही है । 

जम्मू कश्मीर में 1.3 लाख सैनिक

सेना के अफसरों के मुताबिक , जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने करीब 1.3 लाख सैनिकों की तैनाती कर रखी है । इसमें से करीब 80 हजार LOC पर तैनात हैं । कश्मीर के भीतरी इलाकों में राष्ट्रीय राइफल्स के करीब 40 से 45 हजार जवान आतंकरोधी अभियान चलाते हैं । वहीं, सीआरपीएफ के पास करीब 60 हजार जवानों की ताकत है, जिनमें से 45 हजार कश्मीर घाटी में तैनात हैं । इसी क्रम में 83 हजार जम्मू-कश्मीर पुलिस वाले हैं । इसके अलावा सीएपीएफ की कुछ कंपनियां भी घाटी में हैं । 

जम्मू कश्मीर में तैनात होंगे सीआरपीएफ

उन्होंने कहा कि अभी जम्मू-कश्मीर पुलिस इसके लिए अपनी रणनीति का एक खाका खींच रही है । पुलिस सेना की तरह काम करने के लिए उसकी कई जरूरतें हैं । भारतीय सेना को हटाने की स्थिति में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ सीआरपीएफ को लगाने की योजना पर विचार किया जा रहा है । रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कश्मीर के भीतरी इलाकों से सेना को चरणबद्ध तरीके से हटाने पर बातचीत की जा रही है ।  पूरी तरह से सेना को हटाए जाने का फैसला शुरुआती कदमों के बाद आए नतीजों के आधार पर ही लिया जाएगा ।

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