नई दिल्ली। ब्रिटेन सरकार की इमीग्रेशन नीति का बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवरों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। इन पेशेवरों का कहना है कि सरकार इन पेशेवरों के खिलाफ शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रही है। बता दें कि यूरोपीय यूनियन के अति कुशल प्रवासी समूह ने इस विरोध का आयोजन किया है यह समूह दक्षिण एशिया और अफ्रीका के प्रवासियों का नेतृत्व करता है। यह यूरोपीय यूनियन के 1,000 डॉक्टर्स, इंजीनियर, आईटी प्रोफेशनल और अध्यापकों का प्रतिनिधित्व करता है। ये सभी ब्रिटिश सरकार द्वारा वीजा नियमों में किए गए बदलाव को लेकर सड़कों पर उतर गए हैं।
आवास की स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश
आपको बता दें कि सरकार की नीति का विरोध करने वालों में ज्यादातर भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और नाइजीरिया के लोग शामिल हैं। यहां गौर करने वाली बात है कि जिन लोगों ने टायर-1 (जनरल) वीजा के साथ ब्रिटेन में प्रवेश किया था उन लोगों को ब्रिटिश सरकार की तरफ से अनिश्चितकालीन छुट्टी पर जाने या फिर 5 सालों तक वैधतापूर्ण रहने के बाद अपनी आवास स्थिति के लिए अप्लाई करने के लिए कहा गया है।
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गौरतलब है कि ब्रिटेन की सरकार ने साल 2010 में भारतीय साॅफ्टवेयर इंजीनियर्स द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे वीजा श्रेणी पर रोक लगा दी गई थी। अगर आवेदक हर जरूरतों को पूरा करता है तो वह अप्रैल तक ब्रिटेन में घर के लिए आवेदन करने का पात्र बन जाता है। कुशल ग्रुप द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि ब्रिटेन में रहने वाले वे प्रवासी जो बहुत ज्यादा कुशल कार्यक्रम के तहत बड़ी कंपनियों में काम कर रहे हैं और अच्छी पोजिशन में काम कर रहे हैं, उन्हें अमानवीय परिस्थितियों से गुजरना पड़ रहा है।