नई दिल्ली। आतंकवाद से जूझ रहे देशों को ईराक सरकार ने एक बड़ी सीख दी है। ईराक में आईएस और अलकायदा से जुड़े 38 आतंकियों को एक साथ फांसी दे दी गई। कानून मंत्री हैदर अल-जामेली के आदेश के बाद जेल प्रशासन ने अलकायदा और आईएस के आतंकियों को फांसी पर लटका दिया। बता दें कि ये सभी आतंकी ईराक के दक्षिणी प्रांत के नासिरियाह शहर में कैद थे। ईराक पिछले कई सालों से आईएस आतंकियों के खिलाफ लड़ रहा है और इस जंग में उन्हें बहुत बड़ी सफलता हासिल हुई है।
42 को सजा ए मौत
गौरतलब है कि आईएस के आतंकियों ने सीरिया के अलावा ईराक के शहरों को भी अपने कब्जे में ले रखा था। ईराकी सेना ने उनके खिलाफ जबर्दस्त आॅपरेशन चलाकर कई इलाकों से उन्हें खदेड़ दिया था। गुरुवार को ईराक ने युद्ध में पकड़े गए 38 आतंकियों को एक साथ फांसी पर लटका दिया। बता दें कि इससे पहले 25 सितंबर को भी ईराक ने 42 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था। सितंबर के बाद ईराक में आतंकवादियों के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। कानून मंत्री हैदर अल-जामेली के आदेश के बाद जेल प्रशासन ने अलकायदा और आईएस के आतंकियों को फांसी पर लटका दिया।
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जेहादियों से छुड़ाया
खबरों के अनुसार फांसी पर लटकाए गए सभी आतंकी ईराकी थे और एक स्वीडन का रहने वाला था। पिछले सप्ताह ही ईराक के राष्ट्रपति हैदर-अल-अबदी ने अपने मुल्क में आईएस पर विजय की घोषणा की थी। गौर करने वाली बात है कि ईराक ने अमेरिकी सेना के साथ मिलकर जेहादियों द्वारा कब्जा किए गए इलाकों को खाली कराने में बड़ी सफलता प्राप्त की है। चीन, ईरान और सऊदी अरब के बाद ईराक में सबसे ज्यादा फांसी की सजा दी जाती है हालांकि एम्नेस्टी इंटरनेशनल कई बार फांसी के खिलाफ अपनी आवाज उठा चुका है।