नई दिल्ली। फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर जहां एक ओर राजपूत समुदाय में क्रोध का माहौल है वहीं राजनीति में भी कम घमासान नहीं है। कांग्रेस नेता शशि थरूर द्वारा राजपूत महाराजाओं के बारे में दिए गए बयान में उन्हें अपनी ही पार्टी के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोपभाजन बनना पड़ा है। बयान को लेकर दोनों आमने-सामने आ गए हैं। ज्योतिरादित्य ने थरूर की ‘महाराजाओं’ वाले बयान की निंदा कड़ी निंदा करते हुए शशि थरूर को इतिहास पढ़ने की नसीहत तक डे डाली है।
सिंधिया का पलटवार
गौरतलब है कि फिल्म पद्मावती का विरोध कर रहे राजपूतों को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक विवादास्पद बयान दिया था। थरूर ने कहा था, हकीकत यह है कि भारत के महाराजाओं को उस वक्त अपने सम्मान और प्रतिष्ठा की चिंता नहीं थी जब ब्रिटिश उनकी सत्ता पर हावी हो रहे थे और अब वे एक फिल्म को लेकर निर्देशक और कलाकारों के पीछे हाथ धोकर पड़ गए हैं। थरूर के बयान पर कटाक्ष करते हुए भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर पूछा- क्या सभी महाराजाओं ने ब्रिटिश के सामने घुटने टेके थे? शशि थरूर की इस टिप्पणी पर स्मृति ईरानी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्गी राजा और अमरिंदर सिंह से जवाब मांगा। आपको बता दें कि इसके बाद ज्यातिरादित्य सिंधिया ने जवाब देते हुए कहा, ‘मेरा मानना है कि थरूरजी को इतिहास पढ़ना चाहिए, मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया हूं और मुझे अपने अतीत पर गर्व है।‘
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क्या कहा था थरूर ने
फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर मचे हंगामे के बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर के बयान पर बवाल मच गया है। थरूर ने कहा था कि ‘‘असलियत तो यह है कि इन तथाकथित महाराजाओं में हर एक जो आज मुंबई के एक फिल्मकार के पीछे हाथ धोकर पडे हैं, उन्हें उस समय अपने मान सम्मान की कोई चिंता नहीं थी जब ब्रिटिश इनके मान-सम्मान को पैरों तले रौंद रहे थे।’’