नई दिल्ली । कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के लिए पिछले दिनों कमलनाथ के नाम पर लगभग मुहर लगने ही वाली थी कि इससे पहले खुद मध्य प्रदेश के इस पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र में आकर भूमिका निभाने से मना कर दिया है । कहा जा रहा है कि कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपने नाम पर चर्चा करने से मना कर दिया है । लेकिन मीडिया से बातचीत में उन्होंने मध्य प्रदेश छोड़कर केंद्र में किसी भी बड़ी भूमिका को निभाने से मना कर दिया है । इससे इतर , खबर है कि अब कांग्रेस ने उन्हें महाराष्ट्र में महाअघाड़ी सरकार में आए गतिरोध को खत्म करने और यूपी चुनावों के लिए रणनीति बनाने वालों की टीम में शामिल कर लिया है ।
विदित हो कि कांग्रेस के अंतरिम चुनावों का समय आ रहा है , जिसे लेकर हाल में खबर चली थी कि कमलनाथ को कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा रही है । हालांकि इसे लेकर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अपनी सहमति भी जताई थी , क्योंकि वह गांधी परिवार के करीबी भी हैं और संगठन को भी अच्छे से समझते हैं । लेकिन उनके नाम पर मुहर लगने से पहले खुद कमलनाथ ने केंद्र में आकर किसी भी पद को लेने से इनकार कर दिया है ।
उन्होंने कहा कि वह मध्य प्रदेश की भूमि को छोड़कर केंद्र की राजनीति में नहीं आएंगे । सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ ने केन्द्रीय नेतृत्व से कहा है कि वो मध्य प्रदेश छोड़ दिल्ली में भूमिका नहीं निभाना चाहते । मगर जब भी गांधी परिवार को किसी भी राज्य में उनकी ज़रूरत होगी तो वो उसके लिए उपलब्ध होंगे । इसका मतलब यह माना जा रहा है कि भले ही कार्यकारी अध्यक्ष न बनें , लेकिन गांधी परिवार के करीबी राजनीतिक सलाहकार के तौर पर भूमिका निभाते ज़रूर नज़र आएंगे ।
बहरहाल , उनके पार्टी अध्यक्ष की भूमिका को निभाने से मना करने के बाद अब कांग्रेस के साथ फिर से पार्टी अध्यक्ष के नाम पर चर्चा करने की समस्या खड़ी हो गई है । इससे इतर , कमलनाथ को फिलहाल , महाराष्ट्र में महा अघाडी सरकार में आए गतिरोध को खत्म करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है । इसके साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसबा चुनावों के लिए भी अहम रणनीतिकारों की सूची में रखा गया है ।