नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अपना बहुमत साबित करेंगे। विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले विधानसभा अध्यक्ष के पद को लेकर भाजपा और कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस से अध्यक्ष पद के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने गुरुवार को अपना नामांकन भरा है, जबकि भाजपा ने भी इसके लिए ताल ठोंकते हुए पूर्व मंत्री सुरेश कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि गठबंधन वाली सरकार के अंदर अभी भी भाजपा का खौफ बरकरार है, इसी का नतीजा है कि दोनांे पार्टियों ने अपने विधायकों को अभी भी होटलों में ही कैद कर रखा है।
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गौरतलब है कि कर्नाटक में 15 मई को आए नतीजों में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। भाजपा के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने की वजह से राज्यपाल वजू भाई वाला ने उसे सरकार बनाने का न्यौता दिया। भाजपा के बीएस येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली लेकिन 19 मई को सदन में बहुमत का आंकड़ा नहीं होने की वजह से विश्वासमत सिद्ध करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इसके बाद जेडीएस के कुमारस्वामी ने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
बता दें कि जेडीएस कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना रही है लेकिन जेडीएस के नेता भी अभी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि दोनों गठबंधन मिलकर 5 सालों तक एक स्थाई सरकार दे पाएंगे। हालांकि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें किसी बात की टेंशन नहीं है और वे अच्छी तरह से सरकार चलाएंगे।