Friday, April 26, 2024

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''लव जेहाद'' जैसे मामलों पर अध्यादेश के बीच HC का आदेश - मर्जी का जीवन साथी चुनना मौलिक अधिकार

अंग्वाल न्यूज डेस्क

नई दिल्ली । देश में लव जेहाद के मुद्दे पर छिड़ी बहस के बीच पिछले दिनों यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जबरन धर्म परिवर्तन और सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने मामलों को लेकर एक अध्यादेश पास किया । सुबे के राज्यपाल ने भी इसपर मुहल लगा दी है । इस सबके बीच कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि अपनी मर्जी से अपने जीवन साथी को चुनना किसी भी बालिक का मौलिक अधिकार है । कोर्ट ने कहा कि यह अधिकार देश के हर नागरिक को संविधान से मिला है । हालांकि ऐसा ही एक फैसला पिछले दिनों इलाहबाद हाईकोर्ट ने सुनाया था , जिसमें कोर्ट ने कहा था कि एक बालिग नागरिक को अपने पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार है । 

बता दें कि देश में लव जेहाद को लेकर कई हिंदू संगठनों समेत भाजपा के कई नेताओं ने अपने बयान दिए हैं । इस मुद्दे पर पिछले दिनों यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक्शन लेते हुए अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे मामलों को ध्यान में रखते हुए एक अध्यादेश पारित किया । जिसमें जरन धर्म परिवर्तन और सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन के मामलों को लेकर व्यवस्था दी गई । इतना ही नहीं इस अध्यादेश में प्रस्ताव रखा गया था कि कोई भी धर्म परिवर्तन से तीन माह पहले इसकी जानकारी प्रशासन को देगा । 

बहरहाल , इस फैसले से इतर , कर्नाटक हाईकोर्ट में 27 नवंबर को बेंगलुरु निवासी एचबी वाजिद खान ने एक याचिका दायर की । इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान द्वारा दो व्यक्तियों के निजी संबंधों को लेकर दी गई ये आजादी का अतिक्रमण किसी के द्वारा नहीं किया जा सकता है और इसमें धर्म और जाति भी कोई मायने नहीं रखते हैं । 


मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट्स के मुताबिक बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर वजीद खान ने हाई कोर्ट में है । बियस कॉरपस याचिका दाखिल कर अपने सहयोगी सॉफ्टवेयर इंजीनियर राम्या को अदालत में पेश करने और उसे स्वतंत्र करने का आग्रह किया था । कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पुलिस ने युवती को कोर्ट के सामने पेश किया। इस सुनवाई के दौरान राम्या के माता पिता गंगाधर और गिरिजा और वजीद खान की मां श्रीलक्ष्मी भी अदालत में मौजूद थे । राम्या ने अदालत ने को कहा कि वो फिलहाल एक एनजीओ के साथ रह रही थी ।

राम्या ने आरोप लगाया कि उसके माता-पिता वजीद खान के साथ उसकी शादी का विरोध कर रहे हैं । वजीद की मां श्रीलक्ष्मी ने कहा कि उसे इस शादी से कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन राम्या के माता-पिता इसमें सहमति नहीं दे रहे हैं. राम्या जिस एनजीओ के साथ रह रही थी उसे राम्या को छोड़ने का आदेश देते हुए कहा कि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने के नाते राम्या अपने जिंदगी के फैसले लेने को लेकर सक्षम है । 

बहरहाल , कोर्ट की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राज्य सरकार लव जिहाद के कथित मामलों को देखते हुए कानून बचाने पर विचार कर रही है । सीएम येदियुरप्पा ने हाला में अपने एक बयान में कहा था कि  लव जिहाद के लिए सरकार अनुमति नहीं देगी और इसे रोकने के लिए उनकी सरकार सख्त कदम उठाएगी । साथ ही उनके मंत्री ने इस सबको रोकने के लिए कानून बनाने की बात कही थी ।  

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