Tuesday, April 30, 2024

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Malegaon Blast - गवाह ने स्पेशल NIA कोर्ट में कहा - योगी समेत संघ के नेताओं को फंसाने की दी थी धमकी

अंग्वाल न्यूज डेस्क
Malegaon Blast - गवाह ने स्पेशल NIA कोर्ट में कहा - योगी समेत संघ के नेताओं को फंसाने की दी थी धमकी

नई दिल्ली । बहुचर्चित महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट मामले में गवाह रहे एक शख्स ने NIA की स्पेशल कोर्ट में ऐसा खुलासा किया है कि सियासी गलियारों में कांग्रेस पर निशाना साधा जा रहा है । असल में मामले के एक गवाह ने सुनवाई के दौरान बताया है कि उसे महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) के वरिष्ठ अधिकारियों ने यूपी के वर्तमान में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) , स्वामी असीमानंद (Swami Aseemanand) , स्वामी इंद्रेश (Indresh) सहित चार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं को फंसाने के लिए कहा था । इसके लिए उसे धमकी भी दी गई । इस मामले में एक आरोपी समीर कुलकर्णी ने एक टेलीविजन चैनल को उक्त गवाह के खुलासे की जानकारी दी है । 

आरोपी समीर कुलकर्णी ने बताया कि गवाह ने कोर्ट को बताया कि परमबीर सिंह एवं राव नामक एक अधिकारी ने उस पर दबाव डाल इस मामले में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चार अन्य नेताओं इंद्रेश कुमार, स्वामी असीमानंद, काका जी एवं देवधर का नाम लेने को कहा था ।  

कुलकर्णी ने बताया कि तत्कालीन एटीएस के अफसरों ने गवाह को सबसे पहले तो ATS के मुंबई और पुणे के ऑफिस में अवैध रूप से रोककर रखा है । बाद में उसपर दबाव बनाने के साथ धमकी दी गई कि अगर वो अन पांचों का नाम नहीं लेता है तो उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा । इतना ही नहीं उनकी कही बात नहीं कहने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे । 


बता दें कि कल अपने बयान के मुकरने वाले 15वे गवाह ने अपना पांच पन्ने का बयान NIA कोर्ट में दर्ज कराया है. 

आपको बता दें कि 29 सितंबर 2008 की रात करीब 9 बजकर 35 मिनट पर मालेगांव में शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट कंपनी (Shakeel Goods Transport Company) के ठीक सामने एक बम धमाका हुआ था । यह धमाका LML मोटरसाइकिल में हुआ था । इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 101 लोग घायल हुए थे । धमाके के बाद 30 सितंबर 2008 को मालेगांव के आजाद नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ था । 

आतंकी वारदात से जुड़े इस मामले में  महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के आदेश के बाद महाराष्ट्र ATS ने इस मामले की जांच अपने पास ली और 21 अक्टूबर 2008 को एफआईआर (FIR) में UAPA और मकोका (MCOCA) की धारा लगाई गई थी। 

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