नई दिल्ली । भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध अब व्यापक रूप धारण करता नजर आ रही है । जहां भारत चीन को बॉर्डर पर टक्कर देने को तैयार है तो वहीं सीमा के अंदर से आर्थिक चोट पहुंचाने की तैयारी कर रहा है । इस सबके बीच अच्छी खबर यह है कि दुनिया के इस ''फर्जी दबंग'' चीन के खिलाफ दुनिया की महाशक्तियां अब भारत के पक्ष में खड़ी हो गई हैं । दुनिया के कई ताकतवर देशों ने भारतीय सेना (Indian Army) के शहीदों के लिए संवेदना जाहिर करते हुए चीन की सेना पर उकसाने का आरोप लगाया है । हालांकि इस अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद चीन दबाव में तो हैं लेकिन उसकी गीदड़भभकी जारी है । भारत सरकार द्वारा चीनी एप बंद किए जाने के बाद अब चीन ने भारत को व्यापार युद्ध की धमकी दी है । चीन का कहना है कि इससे भारत को काफी नुकसान होगा ।
बता दें कि पिछले दिनों गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसा में जहां भारत के 20 जवान शहीद हुए , वहीं चीन के भी करीब 45 जवानों की मौत हुई थी । भारतीय जवानों के शहीद होने की घटना को अंतरराष्ट्रीय जगत ने चीन की गंदी साजिश का हिस्सा बताया है । भारत को रफाल जैसा घातक लड़ाकू विमान देने वाले फ्रांस ने किस तरह गलवान के शहीदों को श्रद्धांजलि दी । फ्रांस की रक्षा मंत्री ने भारत के रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि फ्रांस की सेना भारतीय सेना के शहीदों के परिजनों के साथ खड़ी है । अब फ्रांस सरकार की ओर से आए ऐसे बयान को चीन के खिलाफ एक सख्त संदेश माना जा रहा है ।
चीन के साथ जारी विवाद के बीच फ्रांस से आई एक खबर ने चीन को साफ संदेश दे दिया कि भारत और चीन के बीच जारी विवाद में फ्रांस भारतीय सेना के साथ है । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे अपने पत्र में फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पर्ले ने कहा यह जवानों, उनके परिवारवालों और देश के लिए एक झटका है । इस मुश्किल घड़ी में मैं दोस्त भारत के प्रति फ्रांस सेना की तरफ़ से दोस्ती प्रकट करती हूं। मैं आपसे आग्रह करती हूं कि आप मेरी श्रद्धांजलि पूरी भारतीय सेना और शहीदों के परिवारवालों को दें ।
इतना ही नहीं फ्रांस की रक्षा मंत्री ने भारत को अच्छा दोस्त बताते हुए रक्षा मंत्री से मुलाकात करने की बात भी कही है । साफ है इस वक्त भारत के रक्षा मंत्री से मुलाकात की बात चीन को कड़ा संदेश है । चीन के साथ जारी तनाव के बीच फ्रांस ने भारत को मिलने वाले रफाल लड़ाकू विमानों की संख्या भी बढ़ा दी है । अब भारत को पहली खेप में 4 के बजाय 6 रफाल लड़ाकू विमान मिलेंगे ।
इसी क्रम में अमेरिका भी भारत के साथ खड़ा हुआ है । अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गलवान के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और चीन की सेना के साथ-साथ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को दुष्ट करार दिया । अमेरिका भारत के खिलाफ मोर्चो खोलने वाले चीन पर लगातार दबाव बढ़ा रहा है ।
दुनिया की महाशक्ति अमेरिका भी उन देशों में शामिल है. जिसने गलवान के बाद सबसे पहले भारतीय सैनिकों के साथ संवेदना जाहिर की थी । अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था- चीन के साथ हुए विवाद में भारत के जिन जवानों की जान गई है, उन्हें हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । इस दुख की घड़ी में हम उन जवानों, उनके परिवार, उनके चाहने वालों और भारत के लोगों के साथ हैं ।
इससे पहले जापान भी चीन की नीतियों को लेकर सवाल खड़ा कर चुका है और भारत के साथ खड़े होने की बात कह चुका है । इसी क्रम में भारत सरकार ने कई देशों के साथ इस मुद्दे को लेकर बात की है और कई देशों ने इस मुद्दे पर चीन को दोषी ठहराते हुए भारत के समर्थन में खड़े होने की बात कही है ।