नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने अब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर बनी राजीव गांधी फाउंडेशन में फंडिंग को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच बड़ा फैसला लिया है । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है, जो इस फाउंडेशन को हुए फंडिंग के मामलों की जांच करेगी। इतना ही नहीं फाउंडेशन द्वारा किए गए उल्लंघनों की भी जांच करेगी । इस कमेटी की अगुवाई प्रवर्तन निदेशालय के स्पेशल डायरेक्टर करेंगे। इस फाइंडेशन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी , मनमोहन सिंह , राहुल गांधी , प्रियंका गांधी अहम पदों पर हैं।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से आरोप लगाया गया कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से फंडिंग मिलती थी । असल में कांग्रेस ने चीन के साथ पिछले दिनों जारी गतिरोध के दौरान मोदी सरकार पर लगातार निशाना साधा । इसपर पलटवार करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चीन की कंपनियों द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन को फंडिंग करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद कांग्रेस ने इसे बदले की राजनीति करार दिया था ।
लेकिन अब केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से बुधवार को इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी गई । इसमें कहा गया, ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालय कमेटी का गठन किया है, जो कि राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच करेगी । इस जांच में PMLA एक्ट, इनकम टैक्स एक्ट, FCRA एक्ट के नियमों के उल्लंघन की जांच की जाएगी. कमेटी की अगुवाई ईडी के स्पेशल डायरेक्टर करेंगे । इसके अलावा देश के लिए जो प्रधानमंत्री राहत कोष बनाया गया था, उससे भी यूपीए सरकार ने पैसा राजीव गांधी फाउंडेशन को दिया था। भाजपा का आरोप था कि 2005-08 तक PMNRF की ओर से राजीव गांधी फाउंडेशन को ये राशि मिली थी ।