नई दिल्ली । लोकसभा चुनावों के एग्जिट पोल में दर्शाए गए आंकड़ों ने तो साफ कर दिया है कि समाजवादी पार्टी अध्य़क्ष अखिलेश यादव को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है , लेकिन यादव परिवार को मंगलवार सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है । मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें कहा गया है कि 7 अगस्त 2013 को जांच बंद की जा चुकी है । उस दौरान हुई जांच में किसी संज्ञेय अपराध की पुष्टि नहीं हुई थी । हालांकि याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने कोर्ट से मांग की थी कि वो CBI से मामले की स्टेटस रिपोर्ट ले, जिसमें 2007 में जांच का आदेश आया था । इसके बाद वर्ष 2008 में CBI ने केस दर्ज होने लायक सबूत मिलने की बात कही थी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने सीबीआई को अदालत में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी । याचिकाकर्ता ने 2005 में सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका दायर में सीबीआई को मुलायम, अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल यादव और प्रतीक यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत केस चलाने का निर्देश देने की मांग की थी ।
याचिकाकर्ता ने इन सभी पर अपनी सरकारी शक्ति का दुरुपयोग कर आय के अधिक संपत्ति बनाने का आरोप लगाया था । इसके बाद कोर्ट ने मार्च 2007 को सीबीआई को आरोपों की जांच करने के लिए कहा था । कोर्ट ने कहा था कि जांच एजेंसी जांच करे कि आरोपियों पर लगे आरोप सही है या नहीं । हालांकि 2012 में कोर्ट ने मुलायम सिंह, अखिलेश और प्रतीक की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी ।
कोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया था जिसके खिलाफ तीनों ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, हालांकि कोर्ट ने डिंपल यादव की याचिका मंजूर कर ली थी और सीबीआई को उनके खिलाफ जांच रोकने को कहा था । कोर्ट ने कहा था कि वह कोई सार्वजनिक पद पर नहीं हैं । कोर्ट ने 1 मार्च 2007 के आदेश में भी संशोधन किया था और जांच एजेंसी से कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट दायर करने को कहा था ।