Friday, April 26, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

ऑनलाइन खाना मंगवाना अब पड़ेगा और महंगा , GST के दायरे में आए एप-आधारित फूड डिलिवरी प्लेटफार्म 

अंग्वाल न्यूज डेस्क
ऑनलाइन खाना मंगवाना अब पड़ेगा और महंगा , GST के दायरे में आए एप-आधारित फूड डिलिवरी प्लेटफार्म 

नई दिल्ली । अपने घर - ऑफिस में पार्टी के दौरान ऑनलाइन खाना मंगवाना 1 जनवरी 2022 से और महंगा हो जाएगा । असल में आने वाले साल की शुरुआत से ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफार्म मसलन जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) को फूड की डिलिवरी देने पर अब 5 प्रतिशत GST देना होगा । इसके चलते आगामी 1 जनवरी 2022 से इनकी सेवाओं के रेट बढ़ जाएंगे । सरकार जीएसटी की दरें इन प्लेटफार्म से वसूलेगी और ऐसे में ये प्लेटफार्म आपसे इस रकम का भार आपके ऊपर भी डालेंगे । ऐसे में आपको नए साल से इन एप के जरिए खाना मंगवाना पहले की तुलना में महंगा पड़ेगा । 

विदित हो कि फूड डिलीवरी सर्विसेज को भी जीएसटी के दायरे में लाने की मांग काफी समय से चल रही थी । इसके बाद गत 17 सितंबर को हुए GST काउंसिल की बैठक में इस मांग को मंजूरी दे दी गई । सरकार ने खाना डिलीवर करने वाली कंपनियों पर 5% GST लगाया गया है । अभी तक रेस्टोरेंट इस टैक्स को चुकाते हैं, मगर नए नियम के लागू होने से फूड डिलीवरी कंपनियां इस टैक्स को अदा करेंगे । इस नई व्यवस्था को देशभर में 1 जनवरी 2022 से शुरू किया जाएगा । 


हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि उपभोक्ताओं पर इसका भार नहीं पड़ेगा । सरकार यह टैक्स ग्राहकों से नहीं, बल्कि एप कंपनियों से वसूलेगी । लेकिन यह बात साफ है कि कंपनियां इस बोझ को किसी ना किसी तरीके से अपने ग्राहकों से ही वसूलेगी । 

नियमों के अनुसार , फूड एग्रीगेटर एप्स की ये जिम्मेदारी होगी वो जिन रेस्टोरेंट के जरिए सर्विस प्रोवाइड करा रहे हैं उनसे टैक्स कलेक्ट करें और उसे सरकार के पास जमा कराएं ।  

Todays Beets: