नई दिल्ली । पेट्रोल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि को लेकर देश में मचे हल्ले के बीच बुधवार को पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने सरकार का बचाव करते हुए इस मुद्दे से अपना पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार तेल कंपनियों के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के दामों में इन दिनों गिरावट आई है लेकिन हार्बी और इरमा तूफान के चलते पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़े हुए हैं। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में तेल की कीमतों में गिरावट आएगी। उन्होंने कीमतों को काबू में लाने का रास्ता जीएसटी को बताया।
इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर आम मंचों पर पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। पेट्रोल के दामों की तुलना एक बार फिर पूर्व की यूपीए सरकार के समय से की जा रही है, जिसमें दरें आज की तुलना में कम थीं। सरकार को लेकर उठते सवालों के बीच पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान का बयान आया है। उन्होंने कहा- हम चाहते हैं कि पेट्रोलियम को जीएसटी के अंतर्गत लाया जाए। वित्त मंत्री इस बारे में राज्य सरकारों से कह चुके हैं। यदि इसे जीएसटी के तहत लाया जाता है तो कीमतों का पूर्वानुमान हो सकेगा। अभी टैक्सेस के कारण मुंबई और दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में बड़ा अंतर होता है। हमने जीएसटी काउंसिल से मांग की है कि पेट्रोलियम को भी जीएसटी के तहत लाया जाए। यदि ऐसा होता है तो आम जनता तो सहूलियत होगी।
हालांकि उन्होंने साफ कर दिया कि सरकार तेल कंपनियों के मामले में दखल नहीं देगी। इन दिनों रिफाइनरी और ट्रांसपोटेशन की लागत काफी बढ़ गई है। बावजूद इसके सरकार अपने स्तर पर लोगों को राहत देने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक्साइड ड्यूटी घटाने का फैसला लिया है, जिसकी मदद से आने वाले दिनों में लोगों को राहत महसूस होगी।