नई दिल्ली । मोदी सरकार की बहुप्रतिक्षित दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल परियोजना को लेकर शनिवार को एक अच्छी खबर आई है । इस लाइन पर चलने वाली ट्रे की पहली लुक सामने आई है । आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) ट्रेन के प्रथम लुक को देश के सामने रखा । पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ नीति के अंतर्गत बॉम्बार्डियर के सावली प्लांट में आरआरटीएस के सारे ट्रेन सेट का निर्माण होना है । सतत एवं ऊर्जा कुशल आरआरटीएस ट्रेन का डिजाइन दिल्ली के प्रसिद्ध लोटस टेंपल से प्रेरित है ।
इस दौरान उन्होंने कहा कि यह ट्रेन दिल्ली के मेरठ के बीच की दूरी को अब मात्र 1 घंटे में पूरा कर देगी । इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2025 तक पूरा करने की योजना है। वहीं इस दौरान बता दें कि इस परियोजना के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक से अधिकांश कर्ज राशि केंद्र सरकार को मिली है ।
बता दें कि दुनिया की सबसे आधुनिक तकनीक से बनाई जा रही दिल्ली - मेरठ रैपिड रेल पर काम जोरों पर है । दिल्ली गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर प्राथमिकता वाले तीन आरआरटीएस कॉरिडोर में से एक है । अगर यह समय से पूरा होता है तो यह कॉरिडोर देश में पहला आरआरटीएस कॉरिडोर होगा । अभी जहां इस सफर को तय करने में करीब 3 घंटे भी लग जाते हैं , वहीं आने वाले समय में इस सफर को 60 मिनट से भी कम समय में पूरा किया जा सकेगा ।
बता दें कि यह ट्रेन दिल्ली के Lotus temple से प्रेरित है । इसमें 2x2 सीटिंग होगी , जिसमें. पैर फैलाने के लिए काफी स्पेस मिलेगा । इतना ही नहीं मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग के स्लॉट भी दिए जाएंगे । इसी क्रम में इस रेल में यात्रियों को मुफ्त Wifi की सुविधा भी मिलेगी ।
एशियाई विकास बैंक लोन की पहली किस्त दे चुका है । यह लोन दिल्ली से सटे NCR में आने-जाने की सुविधा बनाने के लिए है । इसके तहत दिल्ली-मेरठ के बीच 82 किलोमीटर का आधुनिक रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (RRTS) गलियारा बनाया जा रहा है ।
विभागीय अफसरों से मिली जानकारी के अनुसार ...
-इस ट्रेन की स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा की होगी । इतना ही नहीं इस रूट पर हर 5-7 मिनट में ट्रेन की सुविधा मिलेगी ।
-- करीब 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में कुल 16 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे ।
-- गाजियाबाद से मोदीनगर तक इस प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है ।
-- इसी क्रम में साहिबाबाद से मेरठ तक कई हिस्सों में पिलर निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है ।
--हालांकि इस दिल्ली से मेरठ तक की इस रेल के माध्यम से यात्रा के लिए लोगों को 165 रुपये खर्च करने होंगे ।
- रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम गलियारे को 180 कीलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाला बनाया जाएगा ।
- यह गलियारा दिल्ली के सरायकाले खां से लेकर उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित मोदीपुरम तक बनाया जा रहा है ।
- इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी को पूरा करने में लगने वाला 3-4 घंटे का समय कम होकर 1 घंटा रह जाएगा ।
-- दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों को मेट्रो में कोच सप्लाई करने वाली बॉम्बार्डियर इंडिया भारत कंपनी पहली आरआरटीएस ट्रेनों के डिजाइन और निर्माण पर ज़ोर-शोरो से काम कर रही है।
-- इन सभी ट्रेनों का निर्माण मेक इन इंडिया (Make in India) के तहत 100 फीसदी भारत में किया जा रहा है। आ
- स्टेनलेस स्टील से बनी ये एयरोडायनामिक ट्रेनें हल्के होने के साथ-साथ पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी ।
- प्रत्येक कोच में प्रवेश और निकास के लिए ‘प्लग-इन’ प्रकार के छह (दोनों तरफ तीन-तीन) स्वचालित दरवाजे होंगे, जबकि बिजनेस क्लास कोच में ऐसे चार (दोनों तरफ दो-दो) दरवाजे होंगे.
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक ट्रेन में एक बिजनेस क्लास कोच होगा.
बता दें कि आरआरटीएस ट्रेनों का डिजाइन नई दिल्ली के प्रतिष्ठित लोटस टेम्पल से प्रेरित है । लोटस टेम्पल एक ऊर्जा-कुशल इमारत का प्रतीक है क्योंकि इसका डिजाइन प्रकाश और वायु के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखता है । इसी तरह, आरआरटीएस ट्रेन में भी ऐसी प्रकाश और तापमान नियंत्रण प्रणाली होगी जो ऊर्जा के कम खपत के बावजूद यात्रियों को आरामदायक अनुभव देगी ।