नई दिल्ली। एनडीए से सीट बंटवारे को नाराज चल रहे बिहार के नेता और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने अब एनडीए और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने बड़ा प्रस्ताव रखा है। उन्होंने एक रैली में कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी 25 सूत्री मांगों को मान लेती है तो वे अपनी मांग को छोड़ने के लिए तैयार है। बता दें कि इससे पहले उन्होंने पीएम और अमित शाह से मुलाकात की वक्त नहीं मिलने पर कहा भाजपा पर तंज करते हुए का था ‘‘जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है।’’
गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा काफी समय से नाराज चल रहे हैं। अब वे एनडी में शामिल होने से पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए अभियान चलाए गए अभियान के सहारे अलग होने का राग छेड़ दिया है। बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर कुशवाहा ने नीतीश कुमार के सामने 25 सूत्री मांग रख दी है।
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यहां बता दें कि उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि अगर उनकी ये मांगें मान ली जाती हैं तो वे अपनी मांगों को छोड़ने के लिए तैयार हैं। उनकी इस मांग पर बिहार के शिक्षा मंत्री केएन वर्मा ने कहा कि कुशवाहा हमारे महत्वपूर्ण सहयोगी हैं, उनकी मांग पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। वहीं जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि 25 सूत्री मांग पत्र में 25 गलतियां हैं। राजद प्रवक्ता भाई बीरेंद्र ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कुशवाहा अब राजग में क्यों हैं यह समझ में नहीं आ रहा है।
कुशवाहा की प्रमुख मांगें-
-विद्यालयों में आयोग के जरिए हो शिक्षकों की बहाली
-2003 और उसके बाद के शिक्षकों का पुनर्मूल्यांकन हो
-सभी स्तरों पर नियुक्त शिक्षकों को समान वेतन
-उर्दू पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति हो
-शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से पूर्णरूप से मुक्त रखा जाए
-सभी स्कूलों में छात्र व शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था
-मिड-डे-मील से शिक्षकों को दूर रखा जाए
-प्राईवेट स्कूल की मनमानी रोकने विशेष उपाय
-विद्यालय, महाविद्यालय में व्यवसायिक शिक्षकों की बहाली हो
-मदरसों का अविलंब आधुनिकीकरण किया जाए