लखनऊ/नई दिल्ली । पीएनबी घोटाले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी के फरार होने के बाद सामने आया रोटोमैक पेन कंपनी के मालिक और मशहूर उद्योगपति विक्रम कोठारी को सीबीआई ने अपनी हिरासत में ले लिया है। विक्रम कोठारी पर कई बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने का आरोप है। सीबीआई लखनऊ और ईडी की संयुक्त टीमें सोमवार सुबह 9 बजे तिलकनगर स्थित विक्रम कोठारी के आवास पर पहुंची। टीम ने कोठारी परिवार के सभी सदस्यों के पासपोर्ट और मोबाइल कब्जे में ले लिए , साथ ही अभी भी उनके लैपटॉप, आईफोन और आईपैड भी की जांच चल रही है। इससे पहले कोठारी ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि वह कहीं भागे नहीं हैं, बल्कि देश में ही हैं, वह समय रहते बैंकों का पैसा लौटा देंगे।
बता दें कि हीरा व्यापारी नीरव मोदी के पीएनबी महाघोटाले में शामिल होने के बाद रोटोमैक समूह के चेयरमैन विक्रम कोठारी पर भी सवाल उठे और सामने आया कि बैंकों का करोड़ों रुपये लेकर वह भी फरार हैं। हालांकि खबरों के आने के बाद गत शनिवार ठारी ने मीडिया में आकर अपने वाले में उड़ रही अटकलों का खंडन किया। उन्होंने कहा था कि कानपुर से ही इज्जत और नाम कमाया है। ये देश मेरा है और अपना शहर व देश छोड़कर जाने की अटकलें कोरी अफवाह हैं। बैंकों का मुझ पर लोन है और इस संबंध में मामला एनसीएलटी में चल रहा है। बैंक और मैं एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं और मिलकर समाधान का रास्ता निकाल रहे हैं। व्यापारी हूं और बैंकों पर बकाया अपने कर्ज का पूरा भुगतान करूंगा।
बहरहाल इन खबरों के बाद सोमवार सुबह सीबीआई और ईडी की संयुक्त टीम ने कोठारी के घर पर छापेमारी करते हुए उनके सभी दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी। इसके साथ ही कोठारी को भी हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ जारी है।
इसके साथ ही उनके घर के अलावा बिठूर स्थित फार्महाउस और सिटी सेंटर स्थित कार्यालय पर भी सीबीआई की टीमें जांच कर रही हैं। सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक विक्रम कोठारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, केवल सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। कारोबारी विक्रम की कंपनियों पर कई बैंकों की करीब 4 हजार करोड़ की देनदारी है। कुछ बैंकों ने रोटोमेक समेत कई कंपनियों को नीलाम करने का इस्तहार जारी किया है।बता दें कि कोठारी पर इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक समेत कई सार्वजनिक बैंकों को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। बताया जा रहा है कि कानपुर के कारोबारी कोठारी ने पांच सार्वजनिक बैंकों से 4000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लिया था।