नई दिल्ली । समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह उनके पुत्र अखिलेश यादव व प्रतीक यादव के खिलाफ चल रही आय से अधिक संपत्ति की प्रारंभिक जांच वर्ष 2013 में पूरी कर ली गई थी। यह हम नहीं कह रहे बल्कि यह दावा सीबीआई ने किया है। असल में गत 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेसी नेता और वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी की एक याचिका दायर करते हुए सीबीआइ से मुलायम सिंह यादव व उनके पुत्र अखिलेश तथा प्रतीक यादव के खिलाफ हुई जांच की रिपोर्ट पेश करने की मांग पर जवाब मांगा था। इस पर अब सीबीआई ने अपना बयान दर्ज किया है। इस मामले में मुलायम सिंह ने अर्जी का विरोध करते हुए हलफनामे में कहा है कि वह और उनका परिवार सार्वजनिक जीवन मे और राजनीति में है। उन्होंने चुनावों के दौरान राजनीति से प्रेरित एक राजनीतिक साजिश करार दिया है । बहरहाल , सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ से चार हफ़्ते में कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।
क्या है मामला
असल में गत 25 मार्च को कांग्रेसी नेता और वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सपा नेता मुलायम सिंह और उनके बेटों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले को उठाया । अर्जी में चतुर्वेदी ने मांग की थी कि कोर्ट सीबीआइ से मुलायम सिंह यादव व उनके पुत्र अखिलेश तथा प्रतीक यादव के खिलाफ हुई जांच की रिपोर्ट पेश करने की मांग पर जवाब मांगे।
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सीबीआई ने कहा
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 4 हफ्तों में जवाब देने को कहा था , जिसपर अब सीबीआई ने शुक्रवार को कोर्ट में कहा कि समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह उनके पुत्र अखिलेश यादव व प्रतीक यादव के खिलाफ चल रही आय से अधिक संपत्ति की प्रारंभिक जांच वर्ष 2013 में पूरी कर ली गई थी।
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मुलायम सिंह ने हलफनामे में कहा
वहीं इस याचिका पर मुलायम सिंह की ओर से एक हलफनामा दायर करते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता ने गलत मंशा से चुनाव के ठीक पहले उनके खिलाफ अर्जी दाखिल की है। सीबीआई कोर्ट के आदेश पर आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में उनके और परिवार के सदस्यों खिलाफ जांच कर चुकी है और उस जांच में सीबीआइ को कुछ भी नहीं मिला। वह और उनका परिवार सार्वजनिक जीवन मे और राजनीति में है। वह स्वयं और परिवार के अन्य सदस्य केन्द्र व राज्य में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। अर्जीकर्ता स्वयं भी राजनैतिक व्यक्ति है और चुनाव लड़ चुका है। उसने 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले यह अर्जी गलत मंशा से उनकी छवि खराब के लिए दाखिल की है।
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पूर्व में स्टेटस रिपोर्ट दर्ज कर चुकी है सीबीआई
मुलायम ने कहा है कि पीई दर्ज करने के बाद सीबीआई ने पहली स्टेटस रिपोर्ट 30 जुलाई 2007 को दी थी जिसमें कहा गया था कि मुलायम सिंह के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। शिकायतकर्ता की ओर से लगाए गए अतिरिक्त आरोपों पर सीबीआई ने उसी वर्ष 28 अगस्त को दूसरी स्थिति रिपोर्ट दी । इसके बाद भी आगे रिपोर्ट दर्ज की गई थी । मुलायम के अनुसार , कानून के मुताबिक जब प्रारंभिक जांच में मामला बनता है तभी नियमित केस दर्ज होता है। जब प्रारंभिक मामला नहीं बनता तो फिर जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का सवाल कहां उठता है।