नई दिल्ली । लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी में रहने वाले फिल्मी जगत के शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा आखिरकार शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए । कांग्रेस ने एक विधिवत कार्यक्रम के तहत उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई । कांग्रेस में शामिल होने से पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने एक ट्वीट किया - उन्होंने लिखा - पार्टी की स्थापना के दिन बड़े भारी मन से मैं अपनी पुरानी पार्टी को छोड़ रहा हूं, कारण क्या है सब जानते ही हैं। 6 अप्रैल को भाजपा के स्थापना दिवस वाले दिन कांग्रेस में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेताओं के चलते उन्हें BJP छोड़नी पड़ी । उन्होंने कहा कि कांग्रेस पुरानी पार्टी है । कांग्रेस देश के निर्माता गांधी , बापू और पटेल की पार्टी है । जबकि भाजपा में लोकशाही धीरे धीरे तानाशाही में बदल गई। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपने ही लोगों की कद्र नहीं की ।
बता दें कि पार्टी के खिलाफ कई बार अपने बेबाक विचारों और बयानों के चलते पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को चुनौती देने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने लोकसभा चुनावों के ऐलान से पहले ही पार्टी विरोधी बयानों का क्रम तेज कर दिया था । इस सब के बाद पिछले दिनों उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान किया था । इस सब के लिए वह कांग्रेस अद्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी, लेकिन उस दौरान उनका कांग्रेस में शामिल होना लटक गया था । कांग्रेस ने भी एक रणनीति के तहत भाजपा के स्थापना दिवस वाले दिन शत्रुघ्न सिन्हा को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कराई ।
इस दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा - सबसे पहले मैं अपने नए परिवार के साथी और अपने पारिवारिक दोस्त और छोटे भाई रणदीप सुरजेवाला और घनिष्ठ मित्र वेणुगोपाल का आभार प्रकट किया । इस दौरान उन्होंने शक्ति सिंह गोहिल को कांग्रेस की जगह भाजपा का नेता कह डाला , टोकने पर बोले जहां मेरी राजनीति परवरिश हुई, वहां का नाम आना स्वाभाविक है। मैं अभी नया हूं । धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा । आप सब समझ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि नानाजी देशमुख के समय में मैं भाजपा में शामिल हुआ था, उन्होंने मुझे अटलजी से मिलवाया था, जिसके बाद भाजपा से प्रशिक्षण लेते हुए , संघर्ष करता हुआ मैं आगे बढ़ा लेकिन समय बदलने के साथ पार्टी में कई परिवर्तन देखें। ऐसा लगा कि कुछ अच्छा होगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं । हमने लोकशाही को तनाशाही में परिवर्तित होते हुए देखा । भाजपा में पार्टी के दिग्गजों और महान नेताओं को मार्गदर्शन मंडल में डाल दिया गया, जिसकी कोई बैठक आज तक नहीं हुई । मैं आजवाणी जी जैसे लोगों से जुड़ा रहा, जिनका मैं बहुत सम्मान करता हूं ।
उन्होंने मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी , यशवंत सिन्हा समेत कई अन्य नेताओं का उल्लेख किया, जिन्हें लोकशाही के बजाए तानाशाही के चलते पार्टी से दरकिनार कर दिए गए । उन्होंने कहा कि इन सभी नेतओं पर क्या कोई दाग था , या उनकी छवि खराब थी ,फिर इन्हें साइड लाइन क्यों लगाया गया । शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि जो हमारी खूबी होनी चाहिए थी, वही हमारे लिए अभिशाप बन गया । वन मैन आर्मी और टू मैन शो पार्टी इस पार्टी में केंद्रीय मंत्रियों के पास अपना पीए रखने तक की छूट नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस समय पार्टी अपने ही लोगों की कद्र नहीं कर रही है । हमने नोटबंदी पर सवाल उठाए तो हमपर ही नजरें टेढ़ी कर दी गईं। मुझे पार्टी के स्थापना दिवस वाले दिन ही पार्टी छोड़ने का दुख है, लेकिन इस समय मोदी सरकार के मंत्री ही अपनी सरकार से डरे हुए हैं।