मुंबई । महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ गठबंधन पार्टी की सहयोगी शिवसेना और कांग्रेस के बीच अनबन की खबरें दिनों दिन बढ़ती जा रही है । पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वीर सावरकर को केंद्र में रखते हुए कहा कि वह कोई सावरकर नहीं हैं जो माफी मांग ले । उनके अपने बयान में सावरकर को लाने का भाजपा ने जमकर विरोध किया। इतना ही नहीं इस बयान को लेकर शिवसेना ने राज्य में अपने गठबंंधन की सहयोगी कांग्रेस पर पलटवार किया । एक बार फिर से शिवसेना नेता संजय राउत ने कांग्रेस पर हमला बोला।शिवसेना सांसद संजय राउत ने सावरकर मुद्दे को फिर हवा देते हुए कहा कि जो उनकी तकलीफ समझना चाहते हैं दो दिन अंडमान जेल में बिता लें । शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सावरकर जेल गए थे । उन्होंने वहां काफी तकलीफें झेली हैं । उनका विरोध करने वाले अगर उनकी तकलीफ महसूस करना चाहते हैं तो उन्हें अंडमान जेल में 2 दिन बिताना चाहिए ।
बता दें कि विचारधारा के स्तर पर बंटे राजनीतिक दलों की गठबंधन सरकार में अब आए दिन गतिरोध वाले बयान सामने आ रहे हैं । कुछ दिन पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वो सावरकर नहीं है कि माफी मांग ले ।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद से शिवसेना कें दिग्गज नेता और सांसद संजय राउत करीब एक हफ्ते से कांग्रेस के खिलाफ बयान दे रहे हैं । बुधवार को संजय राउत ने दावा किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मुंबई में पुराने डॉन करीम लाला से मिलने आती थीं । संजय राउत ने मुंबई में अंडरवर्ल्ड के दिनों को याद करते हुए कहा था कि दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी जैसे गैंगस्टर महानगर और आस-पास के क्षेत्रों पर नियंत्रण रखते थे । हालांकि बाद में संजय राउत ने सफाई पेश करते हुए कहा था कि अगर मेरे बयान से कांग्रेस के किसी भी नेता को या फिर गांधी परिवार को दुख पहुंचा है तो वे अपना बयान वापस लेते हैं ।
हालांकि उन्होंने कांग्रेसियों पर हमला बोलना बंद नहीं किया है । सावरकर को लेकर कांग्रेसे के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत अन्य के बयानों पर पलटवार करते हुए संजय राउत ने कहा कि जो सावरकर की तकलीफ को समझना चाहते हैं , वे दो दिन अंडमान जेल में बिता लें । उनका विरोध करने वाले अगर उनकी तकलीफ महसूस करना चाहते हैं तो उन्हें अंडमान जेल में 2 दिन बिताना चाहिए ।
बहरहाल राउत के इस बयान से यह तो साफ हो गया है कि कांग्रेस और शिवसेना के बीच सब कुछ जो ऊपरी स्तर पर दिख रहा है , ऐसा अंदरूनी तौर पर बिल्कुल नहीं है । पहले भी राज्य के कई दिग्गज नेता इस बात की संभावना जता चुके हैं कि शिवसेना एक बार फिर से भाजपा के साथ आएगा ।
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