नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि माॅब लिंचिंग की घटनाएं लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं है। ऐसी घटनाओं से लोकतंत्र को धक्का लगता है। सुप्रीम कोर्ट ने माॅब लिंचिंग की घटनाओं की निंदा करते हुए इसको रोकने के लिए गाइड लाइन जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा कि माॅब लिंचिंग पर संसद में कानून बानने की जरूरत है। जब तक इस पर कानून नहीं बन जाता है तब तक सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन को केंद्र और राज्य सरकार लागू करें। सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्तों में गाइड लाइन लागू करने का आदेश दिया है। इससे पहले 3 जुलाई को कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ताजा मामले में सोमवार को कर्नाटक में कुछ लोग बच्चों को चाॅकलेट बांट रहे थे। उनको बच्चा चोर समझकर भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। जानकार बताते हैं कि सोशल मीडिया के साथ ही ऐसी अफवाह को फैलाने में स्थानीय न्यूज पेपर और चैनल भी भूमिका निभा रहे हैं। जल्दी और सनसनीखेज न्यूज बनाने के चक्कर में कई अफवाह भी फैल रही है। बता दें कि पिछले दिनों देश के विभिन्न हिस्सों से माॅब लिंचिंग की घटनाअें की खबरे सामने आ रही थीं। देश के अलग-अलग हिस्सों में भीड़ ने 30 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। बहुत से लोगों ने इसके लिए सोशल मीडिया खासकर वाॅट्स एप को जिम्मेदार ठहराया। इस पर सरकार ने सख्ती दिखाते हुए वाॅट्स एप से अपने प्लेटफाॅर्म को सुधारने के लिए कहा। इस पर वाॅट्स एप ने समय मांगा और कुछ दिनों के बाद एप में कुछ नए फीचर्स को शामिल किए।