नई दिल्ली । किसानों के आंदोलन को लेकर जो आशंका मोदी सरकार को थी , आखिर हुआ भी वही । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कृषि बिल से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार को कानून लागू नहीं करने के लिए कहा , साथ ही किसानों से कहा कि इस मुद्दे पर विचार करने के लिए एक कमेटी बनाई जाए । लेकिन अब किसानों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में साफ कर दिया है कि किसान कृषि कानूनों के रद्द करने की मांग पर अड़े हैं और वह आगे बातचीत के लिए कमेटी के पास नहीं जाएंगे । किसान किसी भी कमेटी के पक्ष में नहीं हैं । हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अब आप अपनी बात इस कमेटी को ही बताएंगे ।
विदित हो कि कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 50 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर अनशन पर बैठे किसानों को हटाने के साथ ही कृषि कानून के मुद्दे पर कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है । इन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकार को फटकार लगाते हुए कानून लागू करने से रोकने को कहा , साथ ही कहा कि वह एक कमेटी बनाकर किसानों के साथ बातचीत करें ।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस दौरान किसान संगठनों से वकील से भी कहा कि वह किसानों से बात करके बताएं कि वह इसके लिए राजी है या नहीं , क्योंकि सरकार को यह आशंका है कि किसान कमेटी के पास बातचीत के लिए नहीं आएंगे ।
इस सबके बाद आज किसानों के वकील एमएल शर्मा ने कहा कि किसान कमेटी के पक्ष में नहीं हैं, हम कानूनों की वापसी ही चाहते हैं । उन्होंने कहा - आजतक पीएम उनसे मिलने नहीं आए हैं, हमारी जमीन बेच दी जाएंगी । इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि जमीन बिक जाएंगी ये कौन कह रहा है? वकील की ओर से बताया गया कि अगर हम कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट में जाएंगे और फसल क्वालिटी की पैदा नहीं हुई, तो कंपनी उनसे भरपाई मांगेगी ।
चीफ जस्टिस की ओर से अदालत में कहा गया कि हमें बताया गया कि कुल 400 संगठन हैं, क्या आप सभी की ओर से हैं. हम चाहते हैं कि किसान कमेटी के पास जाएं, हम इस मुद्दे का हल चाहते हैं हमें ग्राउंड रिपोर्ट बताइए । कोई भी हमें कमेटी बनाने से नहीं रोक सकता है । हम इन कानूनों को सस्पेंड भी कर सकते हैं , जो कमेटी बनेगी, वो हमें रिपोर्ट देगी ।
चीफ जस्टिस की ओर से कहा गया कि अगर समस्या का हल निकालना है, तो कमेटी के सामने जाना होगा । सरकार तो कानून लागू करना चाहती है, लेकिन आपको हटाना है । ऐसे में कमेटी के सामने चीजें स्पष्ट होंगी . चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान किसानों की मांग पर कहा कि पीएम को क्या करना चाहिए, वो तय नहीं कर सकते हैं । हमें लगता है कि कमेटी के जरिए रास्ता निकल सकता है ।
वहीं इससे इतर , कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर सरकार को किसानों के मुद्दे पर घेरा । राहुल ने ट्वीट कर लिखा, ‘सरकार की सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की हर कोशिश बेकार है । अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है; उनकी माँग साफ है- कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो, बस!’