नई दिल्ली । कोरोना काल के दौरान देश में लागू लॉकडाउन का असर यह हुआ कि इस बार लोगों के पहले से बुक हवाई टिकट रद्द कराने पड़े । घरेलू उड़ान के साथ ही अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा का परिचालन बंद होने के चलते कई यात्रियों के टिकट अपने आप ही रद्द हो गए , लेकिन इन टिकटों के रिफांड को लेकर जारी विवाद पर अब सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया है । सुप्रीम कोर्ट ने पिछले कुछ महीनों में लॉकडाउन के चलते रद्द हुए टिकट के रिफंड तत्काल देने का आदेश एयरलाइंस कंपनियों को दिया है । कोर्ट ने कहा कि अगर लॉकडाउन के दौरान यात्रा का टिकट था तो उसका पैसा तत्काल एयरलाइंस वापस करें । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एयरलाइंस को इन कैंसिल टिकटों का पूरा पैसा वापस करना होगा और इसके लिए कोई भी कैंसिलेशन चार्ज वे नहीं लगा सकतीं ।
बता दें कि देश में मार्च महीने में लॉकडाउन लागू होने के साथ ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट के परिचालन पर सरकार ने रोक लगा दी थी ।
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इस दौरान एयरलाइंस कंपनियों ने 25 मार्च से 24 मई 2020 के बीच हवाई टिकट बुकिंग के टिकट रद्द कर दिए थे , लेकिन एयरलाइंस उनसे टिकटों का पैसा ले चुकी थी । फ्लाइट का संचालन रोकने पर यात्रियों ने टिकट कैंसिल होने की सूरत में अपना पैसा वापस मांगना शुरू कर दिया । एयरलाइंस यात्रियों का पैसा देने में आनाकानी करने लगीं और पैसे की जगह उन्हें क्रेडिट शेल देने लगे जिसके बदले में बाद में वे कभी टिकट बुक करा सकेंगे ।
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इस मामले को लेकर पिछले कुछ समय से काफी हंगामा हो रहा है , जिसे लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइंस कंपनियों के लिए आदेश जारी किया है । सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि अगर लॉकडाउन के बाद की यात्रा के लिए टिकट कैंसिल कराया गया था तो भी उसका पैसा तीन हफ्ते के भीतर वापस करना होगा ।
सुप्रीम कोर्ट ने डीजीसीए द्वारा क्रेडिट सेल के माध्यम से एयरलाइंस द्वारा लॉकडाउन के दौरान रद्द की गई उड़ानों पर यात्रियों के टिकटों के रिफंड के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है । केंद्र सरकार का प्रस्ताव है कि टिकट अगर एजेंट ने बेचा है तो एयर टिकट के लिए रिफंड शेल भी एजेंट के माध्यम से ही इस्तेमाल होना चाहिए ।