नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सीलिंग के मामले पर सुनवाई करते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने उपराज्यपाल को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि 15 दिनों के अंदर रिहाइशी इलाकों में चल रहीं अवैध फैक्ट्रियों को बंद किया जाए। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि माॅनीटरिंग कमेटी को बने हुए 15 साल बीत चुके हैं लेकिन कोई भी काम नहीं हो रहा है। रिहाइशी इलाकों में चलने वाली अवैध फैक्ट्रियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को भी कड़ी फटकार लगाई है।
गौरतलब है कि जनवरी में सीलिंग के मामले में हुई सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को मास्टर प्लान लेकर आने के निर्देश दिए थे लेकिन इस पर कुछ काम नहीं किया गया। बता दंे कि उपराज्यपाल अनिल बैजल को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि वह कोर्ट को आश्वस्त करें की जितने भी रिहायशी इलाके हैं जहां अवैध तरीके से इंडस्ट्रियल यूनिट चल रहे हैं उन्हें 15 दिन के अंदर सील किया जाए।
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आपको बता दें कि दिल्ली में सीलिंग का मुद्दा राजनीतिक रूप ले चुका है। कांग्रेस और भाजपा दोनांे ही एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने दिल्ली सीलिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि पूरी दिल्ली में अवैध निर्माण हो रहा है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगम से कहा कि आप लोग दिल्ली में तबाही का इंतजार कर रहे हैं।
माॅनीटरिंग कमेटी को लेकर कोर्ट ने कहा कि अगर उसे भंग भी कर दिया जाए तो एमसीडी और डीडीए को अवैध तरीके से चलने वाली फैक्ट्रियों को बंद कर सकता है? गौर करने वाली बात है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की माॅनीटरिंग कमेटी की निगरानी में एमसीडी ने कई दुकानों को सील कर दिया था।