नई दिल्ली। केंद्र की एनडीए सरकार पहली बार 20 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने जा रही है। दिलचस्प यह है कि अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली टीडीपी के भीतर ही विश्वास का माहौल नहीं है। टीडीपी के सांसद सारे सांसद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में नहीं है। टीडीपी के एक सांसद ने पार्टी लाइन को दरकिनार करते हुए बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है। टीडीपी सांसद जेसी दिवाकर ने लोकसभा में होने वाली बहस और मतदान से दूर रहने का ऐलान किया है।जेसी दिवाकर के इस रुख को देखते हुए टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी के सभी सांसदों को पत्र लिखा है।
सूत्रों के अनुसार सांसदों को लिखे पत्र में नायडू ने कहा है कि लोकसभा में होने वाली बहस और मतदान के दौरान उपस्थित रहें। उन्होंने कहा है कि 20 जुलाई का दिन महत्वपूर्ण है ऐसे में आप संसद में उपस्थित रहें। पत्र में इस बात का जिक्र भ है कि एनडीए सरकार के बर्ताव के खिलाफ पार्टी अविश्वास प्रस्ताव ला रही है। टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने सांसदों से मतदान के दौरान टीडीपी के पक्ष में मतदान करने की अपील भी की है।
गौरतलब है कि लोकसभा में भाजपा के 273 सांसद हैं। बहुमत के लिए 272 का आंकड़ा चाहिए होता है। दरअसल 545 सदस्यों वाली लोकसभा में फिलहाल 535 सांसद ही हैं। ऐसे में मौजूदा स्थिति में बहुमत साबित करने के लिए 268 सांसद ही चाहिए होंगे। इसलिए विपक्ष का अविश्वास मत का प्रस्ताव एक औपचारिता भर है। भाजपा को अविश्वास प्रस्ताव को गिराने और सरकार बचाने में कोई मुश्किल नहीं आएगी।