न्यूज डेस्क । बिहार समेत देश की राजनीति में इन दिनों गर्मी बढ़ाने वाले नौकरी के बदले जमीन घोटाले में लालू परिवार और करीबियों पर शिकंजा कसता ही जा रहा है । इस मामले में लालू यादव समेत राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को कोर्ट ने मुचलका भरने के बाद जमानत दे दी है , लेकिन इस मामले में अन्य आरोपी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को दिल्ली हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है । मामले की सुनवाई दिल्ली में होने को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले तेजस्वी यादव को कोर्ट ने आगामी 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है। हालांकि इस दौरान कोर्ट में सीबीआई ने साफ कर दिया है कि वह मार्च में तेजस्वी को गिरफ्तार नहीं करेगी ।
परिजनों को मुचलके पर मिली है जमानत
विदित हो कि Land for Job Scam में लालू परिवार घिरता जा रहा है । लालू यादव , राबड़ी देवी , मीसा भारती , तेजस्वी यादव समेत उनके करीबियों के घरों - ठिकानों पर पिछले दिनों जमकर ताबड़तोड़ छापेमारी हुई है । ईडी और सीबीआई की अलग अलग कार्रवाई के बाद उनके घरों से काफी नकदी और गोल्ड मिलने की बात सामने आई है । हालांकि इस मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव समेत राबड़ी देवी और मीसा भारती को 50 हजार रुपये का मुचलका भरने के बाद जमानत दे दी है । साथ ही मामले की सुनवाई के लिए 29 मार्च की नई तारीख तय की है ।
दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई थी अर्जी
इस बीच इस मामले की सुनवाई को लेकर तेजस्वी यादव ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी । कोर्ट ने उन्हें राहत न देते हुए आगामी 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है । पिछले दिनों उन्होंने कुछ तर्क देते हुए सीबीआई के सामने पेश न हो पाने की बात कही थी ।
वकील बोला - पत्नी गर्भ से हैं
हालांकि सीबीआई ने इस दौरान यह साफ कर दिया है कि वह अभी तेजस्वी यादव को गिरफ्तार नहीं करने जा रही है । मार्च माह में वह ऐसा कुछ नहीं करेगी । सीबीआई ने कहा, शनिवार को बिहार विधानसभा नहीं चलती है, वह अभी से लेकर इसी महीने में ही किसी भी शनिवार को पूछताछ के लिए आ जाएं । ऐसे में उनके वकील ने कहा, उनके घर में उनकी पत्नी भी गर्भ से हैं, ऐसे में सीबीआई ने अदालत को भरोसा दिलाया, मार्च महीने में एजेंसी उनको गिरफ्तार नहीं करेगी ।
क्या है पूरा मामला?
सीबीआई का आरोप है, यह मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को कथित तौर उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से जुड़ा है । सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा कि भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्तियां की गईं थी ।