Monday, April 29, 2024

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राज्यसभा LIVE - तीन तलाक बिल पर सदन में बहस , रविशंकर बोले - नारी न्याय , गरिमा - उस्थान का सवाल , कांग्रेस बोली - सभी महिलाओं के लिए चिंता क्यों नहीं

अंग्वाल न्यूज डेस्क
राज्यसभा LIVE - तीन तलाक बिल पर सदन में बहस , रविशंकर बोले - नारी न्याय , गरिमा - उस्थान का सवाल , कांग्रेस बोली - सभी महिलाओं के लिए चिंता क्यों नहीं

नई दिल्ली । लोकसभा से पास होने के बाद एक बार फिर से मोदी सरकार का बहुप्रतिक्षित तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश किया गया । इस बिल पर मंगलवार को 4 घंटे तक बहस होगी । इस सब के बीच कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बिल को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पा रही थी और छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक दिया जा रहा था । हम इसी वजह से फिर से कानून लेकर आए हैं । उन्होंने कहा कि मिली शिकायतों के बाद सरकार ने बिल में कुछ बदलाव भी किए हैं ।  अब इसमें बेल और समझौता का प्रावधान भी रखा गया है । इस सवाल को वोट बैंक के तराजू पर न तौला जाए, यह सवाल नारी न्याय, नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल है । वहीं  कांग्रेस ने इस बिल पर चर्चा करते हुए इस बिल को लेकर कई सवाल उठाए । कांग्रेस सांसद अमी याज्ञिक ने कहा कि सरकार देश की सभी महिलाओं के लिए चिंतित क्यों नहीं है।

पीड़ित बेटियों को फुटपाथ पर न छोड़ा जाए

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल पेश करते हुए कहा कि आज सदन के लिए ऐतिहासिक दिन है । उन्होंने आगे बिल को सदन में चर्चा के लिए पेश करते हुए कहा कि 20 से ज्यादा इस्लामिक देशों ने तीन तलाक को बैन कर दिया है और भारत जैसे देश में यह लागू नहीं रह सकता । उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे असंवैधानिक करार दिया है । उन्होंने कहा कि इस बिल को राजनीति के चश्मे से न देखा जाए । न ही वोट बैंक की राजनीति के तहत इस बिल को देखा जाए । यह बिल मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा के लिए लाया गया है । यह सवाल नारी न्याय, नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल है । कानून मंत्री ने कहा कि एक तरफ बेटियां फाइटर प्लेन चला रही हैं और दूसरी तरफ तीन तलाक की पीड़ित बेटियों को फुटपाथ पर नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने सदन से बिल को पास करने की अपील की।

महिलाओं के साथ न्याय नहीं करने जा रहे - कांग्रेस


वहीं राज्यसभा में तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के कई प्रस्ताव विपक्षी सांसदों की ओर से दिए गए हैं. विपक्षी सांसदों ने बिल पर संशोधन प्रस्ताव भी सदन में पेश किए ।  कांग्रेस सांसद अमी याज्ञिक ने बिल पर बोलते हुए कहा कि यह बिल सिर्फ एक महिला नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार से जुड़ा हुआ है । उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बैंक ग्राउंड में हम भूल जाते हैं कि कोर्ट के फैसले के बाद यह प्रैक्टिस नहीं रहनी चाहिए । याज्ञिक ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को सरकार ने एक कोर्ट में ढकेल दिया है और वह भी अपराध बनाकर. इससे आप महिला के साथ न्याय नहीं करने जा रहे हैं।

बिल के खिलाफ नहीं लेकिन सभी महिलाओं के बारे में सोंचे - कांग्रेस

कांग्रेस सांसद अमी याज्ञिक ने कहा कि सरकार देश की सभी महिलाओं के लिए चिंतित क्यों नहीं है। उन्होंने कहा गुजरात की एक मां मेरे पास आई और कहा कि मेरी MBA लड़की को पति ने निकाल दिया है, क्योंकि रोटी काली हो गई थी । यह बातें सिर्फ एत तबके की महिलाओं को नहीं झेलनी पड़ रही हैं, सभी वर्ग और धर्मों की महिलाओं में ऐसी शिकायतें हैं । याज्ञिक ने कहा कि वह महिला सूरत की है और उसे क्या कहा जाए, विवाहित, तलाकशुदा या कुछ और । उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण और बिल के खिलाफ कतई नहीं है लेकिन बाकी महिलाओं के बारे में सरकार क्यों नहीं सोच रही है । हर महिला को जीवन में ऐसा कुछ न कुछ झेलना पड़ता है और वैसे भी सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को खत्म कर दिया है । कोर्ट ने जिस गैर कानूनी ठहरा दिया आप उस पर कैसे एक कानून ला सकते हैं। 

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