नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक के मुद्दे पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए मंत्रियों की एक कमेटी का गठन कर दिया है। मंगलवार को मोदी सरकार की ओर से संकेत दिए गए हैं कि जल्द ही इस मुद्दे पर सरकार एक कानून बनाने जा रही है। संसद के शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित विधेयक लाया जाएगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक के मुद्दे पर अपना रुख सामने रखते हुए तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार आगामी विधानसभा चुनावों से पहले इस नए कानून को लागू कर देने की रणनीति अपना रही है, जिसका असर सरकार को आगामी लोकसभा चुनावों में भी मिलेगा।
बता दें कि शायरा बानो मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों एक समय में एक साथ तीन तलाक के खिलाफ फैसला दिया था। गत 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट के बैन के बाद तीन तलाक के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाने की रणनीति बनाई है। मोदी सरकार ने तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के खिलाफ कानून बनाने का फैसला किया है। शीतकालीन सत्र में तीन तलाक के खिलाफ बिल लाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक के खिलाफ फैसले को और भी प्रभावी तरीके से बनाने के लिए केंद्र सरकार इस मामले को आगे बढ़ा रही है। सरकार तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने का फैसला किया है। सरकार मौजूदा दंड प्रावधानों में संशोधन करने पर विचार कर रही है, जिसके तहत अगर कोई शख्स ट्रिपल तलाक देता है तो वह अपराध होगा।