नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आर्थिक आधार पर गरीब सर्वोणों को मिलने वाले आरक्षण को सही ठहराते हुए मोदी सरकार के 103वें संविधान संसोधन को हरी झंडी दिखा दी है । हालांकि सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ में से 3 जजों ने इस फैसले का समर्थन किया ,जबकि चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट्ट ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया । हालांकि 3-2 से यह संविधान संशोधन पास हो गया है ।
लेकिन कोर्ट के इस फैसले पर अब कुछ राजनीतिक लोगों के बयान भी सामने आने लगे हैं । पूर्व सांसद उदितराज ने कोर्ट के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं । उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा - सुप्रीम कोर्ट जातिवादी है, अब भी कोई शक! EWS आरक्षण की बात आई तो कैसे पलटी मारी ।
विदित हो कि उदित राज ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए दो ट्वीट किए । उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा - मैं गरीब सवर्णों के आरक्षण के विरुद्ध नही हूं बल्कि उस मानसिकता का हूं कि जब जब SC/ST/OBC का मामला आया तो हमेशा SC ने कहा कि इंदिरा साहनी मामले में लगी 50% सीमा पार नही की जा सकती कि 50% की सीमा संवैधानिक बाध्यता नही है लेकिन जब भी SC/ST/OBC को आरक्षण देने की बात आती थी तो इंदिरा साहनी मामले में लगी 50% की सीमा का हवाला दिया जाता रहा।
वहीं अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा - मैं गरीब सवर्णों के आरक्षण के विरुद्ध नही हूं बल्कि उस मानसिकता का हूं कि जब जब SC/ST/OBC का मामला आया तो हमेशा SC ने कहा कि इंदिरा साहनी मामले में लगी 50% सीमा पार नही की जा सकती।