न्यूज डेस्क । मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती ने लोधी समुदाय के एक कार्यक्रम में अपनी ही पार्टी भाजपा पर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि भाजपा के पास भगवान राम, हनुमान या हिंदू धर्म पर पेटेंट नहीं है । कोई भी उन पर विश्वास कर सकता है । राम, तिरंगा, गंगा और गाय में विश्वास करना मुझे भाजपा ने नहीं सिखाया है , यह पहले से मेरे अंदर था। अंतर इतना है कि हमारी आस्था राजनीतिक लाभ से परे है ।
अपने हित में किसी को भी वोट दें
लोधी समाज के कार्यक्रम में उमा भारती ने कहा कि आप अपने हित को ध्यान में रखकर किसी भी पार्टी को वोट देने के लिए स्वतंत्र हैं । उन्होंने अपने समुदाय के विवाह योग्य लड़के-लड़कियों के एक सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि मैं भाजपा की वफादार सिपाही हूं लेकिन उनके समुदाय के लोगों को अपने हितों के आधार पर फैसला लेना चाहिए । वह बोलीं - मैं आऊंगी, मैं अपनी पार्टी के मंच पर आऊंगी, मैं वोट मांगूंगी । मैं कभी नहीं कहती कि लोधी हो तो भाजपा को वोट दो । मैं सभी से भाजपा को वोट देने के लिए कहती हूं क्योंकि मैं अपनी पार्टी की एक वफादार सिपाही हूं लेकिन मैं आपसे थोड़ी उम्मीद करूंगी कि आप पार्टी के वफादार सिपाही बनेंगे । उन्होंने आगे कहा कि आपको अपने आसपास और अपनी पसंद को देखना होगा । उमा ने आगे कहा कि अगर आप पार्टी कार्यकर्ता या पार्टी के मतदाता नहीं हैं तो आपको अपने लिए फैसले लेने होंगे । उन्होंने कहा, "हम प्यार के बंधन में हैं लेकिन मेरी तरफ से आप राजनीतिक बंधन से पूरी तरह आजाद हैं ।
मोदी सरकार के फैसले को सही ठहराया
इस दौरान उमा भारती ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के लिए धारा 370 को रद्द करने के भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के फैसले को सही ठहराया । साथ ही उन्होंने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) पर भी सवाल उठाए । उन्होंने पूछा - भारत कहां टूट रहा है? हमने धारा 370 को खत्म कर दिया है. जो देश को तोड़ रहा था वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) था. राहुल गांधी को इस यात्रा को पीओके ले जाना चाहिए ।
पहले भी भाजपा के लिए खड़ी कर चुकी हैं परेशानी
बहरहाल , उमा भारती के ऐसे बयान पहली बार सामने नहीं आ रहे हैं । इससे पहले भी कई बार वह अपने बयानों से अपनी पार्टी पर सवाल उठा चुकी हैं । कुछ दिन पहले भी उमा भारती ने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ शराबबंदी को लेकर मोर्चा खोला था । मध्य प्रदेश में शराबबंदी की मांग करके उन्होंने अपनी ही पार्टी की शिवराज सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी थी ।