नई दिल्लीः बूचड़खानों को लेकर चल रही बहस और कार्रवाई के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है कि देश में लाइसेंसी बूचड़खानों की संख्या केवल 1707 है। लाइसेंसी बूच़ड़खानों की लिस्ट में तमिलनाडु सबसे ऊपर है। इसके बाद बीजेपी शासित एमपी और महाराष्ट्र का नंबर आता है। इससे भी बड़ी बात यह है कि यूपी देश के लाइसेंसी बूचड़खानों की लिस्ट में टॉप थ्री में भी नहीं आता और यही वह राज्य है, जो बूचड़खानों के खिलाफ अभियान चला रहा है।
गैर कानूनी बूचड़खानों की बड़ी संख्या
यह खुलासे आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ की आरटीआई से हुए हैं। एक अंग्रेजी अखबार गौड़ की आरटीआई के आधार पर खबर छापी है, जिसके मुताबिक देश में गैर कानूनी ढंग से चलने वाले बूचड़खानों की कमी नहीं है। तमिनलाडु में 425, मध्य प्रदेश में 262 और महाराष्ट्र में 249 बूचड़खाने ही वैध हैं। देश के कुल वैध बूचड़खानों में से आधे से अधिक इन तीनों राज्यों में ही हैं। यूपी में सिर्फ 58 बूचड़खाने वैध हैं।
8 राज्यों में भी एक भी बूचड़खाना वैध नहीं
देश में 8 राज्य ऐसे भी हैं, जहां एक भी बूचड़खाड़ा जरूरी कानून के तहत पंजीकृत नहीं है। ऐसे राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, चंड़ीगढ़, दादरा और नागर हवेली, दमन द्वीप, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा हैं।