नई दिल्ली । भले ही एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम तेजी पर है , वहीं इस सबके बीच अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में अब 27 साल बाद फैसला 30 सितंबर को आएगा । सुनवाई पूरी कर चुके विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने सभी अभियुक्तों और गवाहों के बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दर्जकर फैसला 1 सितंबर को सुरक्षित रखा था । इस मामले में भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा सहित कई नामचीन आरोपी हैं ।
बता दें कि कोर्ट ने 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया जाने के मामले में सुनवाई करते हुए गत 1 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था , लेकिन अब खबर है कि फैसला 30 सितंबर को आएगा । विशेष अदालत ने इन सभी को फैसला सुनने के लिए अदालत में मौजूद रहने को कहा है । हालांकि ऐसी भी संभावना है कि आरोपियों को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की छूट मिल जाए ।
विदित हो कि सीबीआई ने सुनवाई के दौरान 351 गवाह और लगभग 600 दस्तावेजी सबूत कोर्ट में पेश किए । इस मामले में सीबीआई ने 49 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी, जिसमें से 17 लोगों की मौत हो चुकी है ।