भोपाल । मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के सामने खड़े हुए राजनीतिक संकट के बीज शुक्रवार सुबह वह राज्यपाल लालजी टंडन के पास पहुंचे । इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को एक चिट्ठी सौंपते हुए , भारतीय जनता पार्टी पर उनके विधायकों की खरीद फरोख्त करने के साथ ही उन्हें बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया । राज्यपाल टंडन से मिलने के बाद सीएम कमलनाथ ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण और बजट सत्र के दौरान फ्लोर टेस्ट होगा, लेकिन यह तभी संभव होगा जब उनके बंधक बनाए गए 22 विधायकों को कैद से मुक्त करवाया जाएगा ।
बता दें कि कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं , जो हटने का नाम नहीं ले रहे हैं । पार्टी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का दामन छोड़ अब भाजपाई हो गए हैं । उनके साथ राज्य के कई विधायकों ने भी उनके फैसले के साथ कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया । इस दौरान भाजपा के कुछ नेता उनका इस्तीफा लेकर सदन में पहुंचे थे ।
इस सब के बीच ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कमलनाथ सरकार को अब सदन में फ्लोर टेस्ट के लिए जाना होगा , जहां बहुमत का आंकड़ा न छू पाने के चलते उनकी सरकार का गिरना तय है । इस सब के बीच कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त और विधायकों को जबरन बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया है । हालांकि इन विधायकों ने हाल में वीडियो जारी करते हुए साफ कर दिया है कि वह सिंधिया के हल फैसले में उनके साथ हैं ।
इससे इतर , शुक्रवार को सीएम कमलनाथ अपनी सरकार बचाने की जुगत में राज्यपाल लालजी टंडन के पास पहुंचे । उन्होंने राज्यपाल को एक पत्र सौंपते हुए कहा कि उनके बंधक विधायकों को भाजपा की कैद से मुक्त करवाया जाए ।
अपने पत्र में कमलनाथ ने लिखा - भाजपा ने 3 और 4 मार्च को सरकार गिराने का दांव चला था और कुछ विधायकों को बेंगलुरु भेजने की कोशिश की गई, लेकिन हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की साजिश को नाकाम कर दिया । इसके बाद 8 मार्च को भाजपा ने चार्टर्ड प्लेन से 19 विधायकों को बेंगलुरु भेज दिया । इसमें 6 मंत्री शामिल हैं ।
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया है कि इन 19 विधायकों को भाजपा ने एक रिजॉर्ट में रखा है । विधायकों को किसी से भी संपर्क करने की इजाजत नहीं दी जा रही है । विधायकों को बंधक बना लिया गया है । 10 मार्च को भाजपा के नेता विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचे थे और उन्होंने 19 विधायकों का इस्तीफा सौंपा था । इन विधायकों का इस्तीफा भाजपा नेताओं ने सौंपा, जो कि गलत है ।
इतना ही नहीं कमलनाथ बोले - गत गुरुवार को हमारे दो मंत्री जीतू पटवारी और लखन सिंह यादव बेंगलुरु पहुंचे । उनके साथ बंधक बनाए गए विधायक मनोज चौधरी के पिता नारायण सिंह चौधरी भी थे । तीनों के साथ भाजपा के गुंडों और कर्नाटक पुलिस ने धक्का मुक्की की और गैर-कानूनी रूप से हिरासत में ले लिया। उन्हें विधायकों से मिलने नहीं दिया गया ।
उन्होंने कहा - 16 मार्च से विधानसभा का सत्र शुरू होने वाला है, लेकिन सत्र शुरू होने से पहले सभी विधायकों का आना जरूरी है । हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन उससे पहले बंधक बनाए गए विधायकों को छुड़ाना होगा।