नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए पिछले दिनों जनरल बिपिन रावत के आर्मी चीफ पद से सेवानिवृत्त होने के साथ ही उन्हें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defense Staff) की अहम जिम्मेदारीा सौंप दी । इसके साथ ही अब खबर है कि मोदी सरकार इस नए विभाग से 'सुपर-37' को जोड़ने जा रही है । मतलब , सरकार सैन्य मामलों के नव-सृजित विभाग में देश के कुछ वरिष्ठ और तेजतर्रार अफसरों की तैनाती इस विभाग में करने जा रही है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार , ऐसे अफसरों के नाम पर मंथन शुरू हो गया है । इस विभाग में 2 संयुक्त सचिव, 13 उप सचिव और 22 अवर सचिव होंगे ।
बता दें कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने अपने पद को संभालने के साथ ही तीनों सेनाओं के बीच तालमेल पर जोर देते हुए कहा - सभी को वांछित परिणामों को पूरा करने और बेहतर विचार एवं सुझाव के साथ काम करना चाहिए। हाल में सीडीएस रावत तीनों सेना प्रमुखों के मिले और उन्होंने तीनों सेनाओं के लिए एयर डिफेंस कमांड स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा । इस दौरान उन्होंने इस काम के लिए एक समय सीमा भी निर्धारित की । रक्षामंत्रालय से जुड़े अफसरों का कहना है कि इस प्रस्ताव की समय सीमा 30 जून, 2020 रखी गई है ।
सीडीएस रावत ने सामान्य कार्य प्रणाली पर जोर देते हुए सीडीएस रावत ने निर्देश दिया था कि सभी तीनों सेनाओं और तटरक्षक से परामर्श किया जाना चाहिए । इतना ही नहीं उनके विचारों को समयबद्ध तरीके से प्राप्त किया जाना चाहिए ।
बता दें कि अभी तीनों सेवाओं के बीच एक ही वायु रक्षा कमान (एयर डिफेंस कमांड) है । भारतीय वायुसेना वायु रक्षा में एक प्रमुख भूमिका निभाती है । वहीं भारतीय सेना के पास अपनी खुद की क्षेत्र वायु रक्षा प्रणाली है ।