नई दिल्ली । जम्मू से श्रीनगर आ रहे CRPF के एक काफिल के वाहन पर गुरुवार को आतंकियों ने IED ब्लास्ट कर उड़ा दिया है। इस हमले में अभी 12 जवानों के शहीद होने व कई के घायल होने की खबर हैं। जम्मू-श्रीनगर के इस हाईवे पर हुए आतंकी हमले को देश में 18-19 सितंबर 2016 को उरी के आर्मी कैंप में हुए आतंकी हमले के बाद दूसरा बड़ा हमला बताया जा रहा है। उस आतंकी हमले में 19 सोते हुए जवानों को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया था, जिसमें वह शहीद हो गए थे। उस आतंकी हमले के बाद जवानों के शहीद होने के लिहाज से यह आतंकी हमला दूसरे नंबर पर बड़ा हमला है। इस दौरान खास बात ये है कि उरी हमले में भी जैश ए मोहम्मद ने आतंकी हमले की साजिश रची थी, जबकि इस हमले के बाद भी जैश ए मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। खबरें ये भी आ रही है कि एक आत्मघाती आदिल अहमद ने अपनी कार को सीआरपीएफ के वाहन से टकराकर उड़ा दिया, लेकिन अभी इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
क्या कार में विस्फोटक के साथ बैठा था आत्मघाती
जानकारी के अनुसार, जिस कार को इस ब्लास्ट में इस्तेमाल किया गया, उसे लेकर भी जांच की जा रही है। कहा जा रहा है कि एक आत्मघाती हमलावर ने अपनी कार को इस काफिले के एक वाहन से टकरा दिया। उसने कार में भारी विस्फोटक रखे थे, जिसके चलते इस टक्कर के साथ सीआरपीएफ का वाहन धमाके के साथ उड़ गया।
खुफिया अलर्ट था जारी
बता दें कि 7 दिन पहले ही खुफिया एजेंसियों ने 7 दिन पहले ही एक अलर्ट जारी किया था कि आतंकी एक बार फिर से घाटी में बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि आतंकी आईईडी ब्लास्ट के जरिए जवानों के काफिले और नेता-सेना के अफसरों को अपना निशाना बना सकते हैं। इस घटना में साफ कहा गया था कि आतंकी हाईवे पर जाने वाले जवानों के काफिले को भी अपना निशाना बना सकते हैं।
ब्लास्ट के बाद जवानों पर फायरिंग
जम्मू से श्रीनगर जाने वाले सीआरपीएफ के इस काफिले के एक वाहन को ब्लास्ट कर उड़ाए जाने के बाद निकट के खेतों से काफिले पर फायरिंग भी की गई है। इस दौरान जवान कुछ समय पाते आतंकी वहां से भागने में सफल हो गए।
उरी के बाद बड़ी साजिश
वर्ष 2016 में 18-19 सितंबर को उरी के आर्मी कैंप में पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला किया था। सुुुुबह के समय जब जवान अपनै कैंप में सो रहे थे, तब धोखे से आतंकियों ने हमला बोल दिया। इस हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हुए थे। वहां आए आतंकियों को तभी मार गिराया गया था, लेकिन उनके पाकिस्तानी कनेक्शन की पोल खुल गई थी।