नई दिल्ली।
पिछले महीने ही यूरोप के कई देशों को अपनी चपेट में लेने वाला रेनसमवेयर वायरस फिर लौट आया है। इस वायरस ने एक बार फिर दुनिया के कई देशों में एक बार फिर साइबर अटैक किया है। इस बार यह हमला कई देशों की बैंक, एयरपोर्ट सहित अन्य सेवाओं पर किया गया है। इस बार इसका सबसे ज्यादा प्रभाव यूक्रेन में पड़ा है। यूक्रेन में हर सेवा वायरस के प्रभाव से ठप्प हो गई है। वहीं हैकरों ने रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनी के सिस्टम को भी हैक कर लिया है।
वानाक्राई वायरस जैसा ही है नया हमला, मांग रहे फिरौती
साइबर विशेषज्ञों ने बताया कि ताजा हमला पिछले महीने हुए वानाक्राई रेनसमवेयर वायरस जैसा ही है। यह नई तरह का वानाक्राई वायरस है। इस अटैक में भी हैकर सिस्टम फिर से चालू करने के लिए फिरौती की मांग कर रहे हैं। यूक्रेन की एक मीडिया कंपनी के कर्मचारियों ने बताया कि अचानक कंप्यूटर बंद हो गए और फिर एक मैसेज आया कि अगर फाइलकों को दोबारा ऐक्सेस करना है, तो 300 डॉलर दो। पिछले महीने भी वानाक्राई रेनसमवेयर के हमले में इसी तरह फिरौती मांगी गई थी।
यूक्रेन सबसे ज्यादा प्रभावित
इस बार वायरस की जद में यूक्रेन है। यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने बताया कि वहां एटीएम, बैंक, एयरपोर्ट, मीडिया कंपनी, मेडिकल कंपनी और पॉवर ग्रिड तक ने काम करना बंद कर दिया है। वहीं रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनी रोस्नेफ्ट भी इसकी चपेट में आ गई है। लंदन, डेनमार्क, ब्रिटेन, फ्रांस, नॉर्वे में भी इस साइबर अटैक की पुष्टि हुई है।
भारत भी हुआ प्र्रभावित
भारत में भी इस साइबर अटैक की पुष्टि हुई है। देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट जेएनपीटी इसकी जद में आ गया। पोर्ट के एक टर्मिनल का संचालन इससे प्रभावित हुआ है। जेएनपीटी में हमले से प्रभावित एपी मोलर-माएस्क गेटवे टर्मिनल इंडिया (जीटीआई) का संचालन करती है। इसकी क्षमता 1.8 मिलियन स्टैंडर्ड कंटेनर यूनिट को संभालने की है। जेएनपीटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें सूचना मिली है कि साइबर हमले के कारण सिस्टम डाउन होने से जीटीआई में संचालन थम गया है। हम मैन्युअली काम करने का प्रयास कर रहे हैं।