नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपनी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। देर शाम समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने दिल्ली में मुलाकात की है। सूत्रों की मानें तो दोनों ही पार्टियां 37-37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और बाकी बची सीटों पर गठबंधन और अन्य दलों को मौका दिया जाएगा। दोनों नेताओं की मुलाकात मायावती की कोठी पर हुई। बता दें कि अखिलेश यादव पहले भी कह चुके हैं कि भाजपा को हराने के लिए वे समझौता करने के लिए तैयार हैं।
गौरतलब है कि सपा और बसपा नेताओं ने न सिर्फ सीटों का बंटवारा कर लिया है बल्कि यह भी तय कर लिया है कि किस सीट से कौन लड़ेगा। बता दें कि बराबर सीटों पर प्रत्याशी उतारने के पीछे का मकसद यह बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियां चाहती हैं कि किसी तरह का कोई विवाद न हो। गौर करने वाली बात है कि 37-37 के बाद शेष बची 6 सीटों पर अन्य दलों के उम्मीदवारों को मौका दिया जा सकता है।
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यहां बता दें कि खबरों के अनुसार, गौतमबुद्धनगर की सीट बसपा के खाते में गई है क्योंकि बहन मायावती का पैतृक गांव बादलपुर यहां पर है। इसके साथ ही जब नए परिसीमन में गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट बनी थी तो बसपा से ही पहले सांसद सुरेंद्र सिंह नागर बने थे। उम्मीद की जा रही है कि मायावती के जन्मदिन 15 जनवरी के बाद प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।