लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए को हराने के लिए उत्तरप्रदेश में सपा-बसपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को मायावती ने बड़ा बयान दिया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि सम्मानजनक सीटें मिलने के बाद ही गठबंधन किया जाएगा। उनके इस बयान पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी काफी सोच समझकर जवाब दिया। अखिलेश ने कहा कि देश को बचाने के लिए वे 2 कदम पीछे हटने के लिए भी तैयार हैं। इसके बाद उन्होंने गेंद कांग्रेस के पाले में डाल दी।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने कहा कि बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाते हुए सभी विपक्षी दलों से बात करनी चाहिए। सपा प्रमुख ने कहा कि गठबंधन करना उनकी कोई मजबूरी नहीं है लेकिन वे सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता में आने से रोकना चाहते हैं। कांग्रेस के पाले में गेंद डालते हुए अखिलेश ने कहा कि वह एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसे सभी को साथ लेकर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए पूरे विपक्ष को साथ मिलकर लड़ना होगा। नेता और पीएम का नाम बाद में तय कर लिया जाएगा।
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यहां बता दें कि सोेमवार से दिल्ली में शुरू हो रहे आरएसएस के तीन दिवसीय कार्यक्रम में बुलाए जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि देश को बचाने के लिए किसी भी पार्टी को इसमंे शामिल नहीं होना चाहिए। जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने वाले उमर खालिद और कन्हैया कुमार जैसे नौजवान नेताओं की भूमिका पर उन्होंने कहा कि सपा में जो भी आने चाहे, हम उन्हें स्वीकार करेंगे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर गंभीर आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि पिछले चुनाव में उसने सिर्फ नफरत फैलाने का काम किया है। ऐसे में जिस आरएसएस ने 70 सालों तक अपने नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा न फहराया हो, उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि साल 2019 के चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका काफी अहम होगी।