नई दिल्ली । अमेरिका ने लगातार दूसरे दिन शनिवार सुबह इराक पर हवाई हमला किया है , जिसमें 6 लोगों के मारे जाने की खबर है । असल में अमेरिकी हवाई हमले उन सड़कों पर किए गए , जिनपर गैर अमेरिकी सेनाओं का बेस कैंप है । शुक्रवार को बगदाद के हवाई अड्डे पर किए गए हवाई हमले में अमेरिका ने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी थी , जिसके बाद से दोनों देशों के साथ ही दुनिया के एक हिस्से में तनाव बढ़ गया है । वहीं अपने दूसरे हमले को लेकर अमेरिका ने फिर से एक बयान जारी किया है । अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ ब्रायन ने कहा है कि ईरान के शक्तिशाली रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मारने का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का निर्णय रक्षात्मक था और इसे भविष्य में रक्तपात रोकने के लिए लिया गया था। ओ’ ब्रायन ने आरोप लगाया, ‘‘पश्चिम एशिया के देशों में यात्रा कर रहा सुलेमानी दमिश्क से इराक आया था, जहां वह अमेरिकी जवानों और राजनयिकों पर हमले का षड्यंत्र रच रहा था।
शनिवार तड़के दो कारों को निशाना बनाया
बता दें कि अमेरिका ने शनिवार सुबह इराक में हवाई हमलों के जरिए उन दो कारों को निशाना बनाया , जिसमें ईरान समर्थित लड़ाके सवार थे। अधिकारियों के अनुसार इस हमले में हशद-अल-साबी के छह लड़ाके मारे गए हैं। फिलहाल हमले में मारे गए लड़ाकों की पहचान नहीं हुई है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने इस हमले को इराक के हशद-अल-साबी के कमांडर के काफिले को निशाना बनाकर किया था।
हमले संभावित युद्ध को रोकने के लिए - अमेरिका
इस पूरे घटनाक्रम पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को भी अपनी प्रतिक्रिया दी है । उन्होंने कहा था- जनरल कासिम सुलेमानी को मारने का फैसला ईरान और अमेरिका के बीच संभावित युद्ध रोकने के लिए लिया गया, न कि शुरू करने के लिए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना के अचूक हमले से दुनिया के नंबर एक आतंकी जनरल सुलेमानी की मौत हो गई। इसके साथ ही क्षेत्र में आतंक का राज खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि ईरानी जनरल अमेरिकी राजनयिकों और सैन्यकर्मियों पर हमलों की साजिश रच रहा था, लेकिन हमने उसे पकड़ लिया और मार गिराया।
हमले में डॉक्टर की मौत
इस घटना पर पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स (पीएमएफ) ने उन बातों को खारिज किया है कि काफिले में उसका वरिष्ठ कमांडर मौजूद था। हालांकि उन्होंने कहा है कि इस हमले में मारे गए 6 लोगों में डॉक्टर भी शामिल हैं। वहीं इस हमले में कुछ लोग घायल भी हुए हैं । पीएमएफ इराक की सेना के तहत इराकी मिलिशियों का एक भाग है। इस हमले के साथ ही मध्य पूर्व में तनाव पहले के मुकाबले और भी बढ़ गया है।
यह रक्तपात रोकने की कार्रवाई - अमेरिकी NSA
वहीं अमेरिकी NSA ओ ब्रायन ने कहा kf यह और रक्तपात रोकने के लिए की गई रक्षात्मक कार्रवाई थी। इस हमले का लक्ष्य उन हमलों को रोकना था जिनका षड्यंत्र सुलेमानी रच रहा था। इसका लक्ष्य भविष्य में अमेरिकियों के खिलाफ ईरान के परोक्ष या आईआरजीसी कुद्स बल के जरिए किए जाने वाले प्रत्यक्ष हमले को रोकना था।