नई दिल्ली । पाकिस्तान को एक बार फिर आतंकियों को मदद करने के मामले में दुनिया की आलोचनाओं का सामना करने के साथ ही अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा होना पड़ा है। अमेरिका ने टेरर फाइनेंसिंग और काले धन को सफेद करने के शक में पिछले 40 सालों से चल रहे पाकिस्तान के हबीब बैंक को न्यूयार्क स्थिति ऑफिस बंद करने को कहा है। इस पूरे मामले में अमेरिका के बैंकिंग विभाग के अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान के प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक हबीब बैंक ने बैंकिंग नियामक की कुछ चिंताओं पर ध्यान ही नहीं दिया। न ही उन्हें दूर करने के लिए कोई जरूरी कदम उठाया है। इस बैंक को ऐसे कई लेन को लेकर अलर्ट किया गया था, जो आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले और काले धन को सफेद करने से जुड़े हो सकते हैं। बावजूद इसके इस बैंक ने कोई जरूरी कदम नहीं उठाए।
इतना ही नहीं विदेशी बैंकों को रेगुलेट करने वाले स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज ने पिछले 40 सालों से चल रहे पाकिस्तान के हबीब बैंक को न्यूयार्क स्थिति ऑफिस बंद करने के साथ ही उस पर 225 मिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया है। हालांकि यह शुरूआत में प्रस्तावित 629.6 मिलियन डॉलर के काफी कम है।