नई दिल्ली । भारत और चीन के बीच पिछले कुछ समय से एक बार फिर से गतिरोध पैदा हो गया है । बॉर्डर पर विवाद को लेकर दो बार सैन्य अफसर स्तर की बातचीत बेनतीजा रही है । इस सबके बाद व्हाइट हाउस की एक रिपोर्ट सामने आई है , जिसमें उन्होंने भारत-चीन सरहद पर हुई सैन्य हलचल को लेकर मोदी सरकार को आगाह किया है। इस रिपोर्ट के जरिए अमेरिकी सरकार ने मोदी सरकार से कहा है कि चीन भारत समेत अपने पड़ोसी देशों के साथ आक्रमक और सैन्य और अर्धसैनिक गतिविधियों में लगा है। चीन की ये हरकतें एक खतरनाक संकेत देते हैं , भारत को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
बता दें कि पिछले दिनों ही अमेरिकी सुरक्षा की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन ने गुप्त रूप से अपनी सामरिक ताकतों को बढ़ाया है । उसके पास ऐसी मिसाइलें हैं, जो सीधे अमेरिका तक को अपनी जद में ले सकती हैं । इसके बाद से अमेरिका में हड़कंप मचा है ।
इस रिपोर्ट के बाद अब अमेरिकी सरकार ने अपनी एक अन्य रिपोर्ट के चलते मोदी सरकार को आगाह किया है । इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग पूर्व और दक्षिण चीन सागर, ताइवान स्ट्रेट और भारतीय-चीन सीमा क्षेत्रों में उत्तेजक और जबरदस्त सैन्य और अर्धसैनिक गतिविधियों में संलग्न है। ऐसा करके चीन पड़ोसियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं का खंडन करता है। हालांकि, भारत ने चीन के इस क्रियाकलपा का जोरदार विरोध किया है। एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने भारत के इस कदम का समर्थन किया ताकि उसके क्षेत्र में चीनी शासन का जोरदार विरोध किया जा सके।
विदित हो कि पूर्व में एक रिपोर्ट में अमेरिका को चीन को लेकर आगाह किया गया है। इसमें कहा गया है कि चीन अब ताकतवर हो चुका है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) वैश्विक स्तर पर अपने रणनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पड़ोसी मुल्कों को डरा-धमका सकता है। ऐसा करके वह अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने या अपने खतरों को कम करने के लिए लिए रणनीति बना सकता है।