नई दिल्ली । देश में आपाताकाल की 45वीं बरसी पर गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक बार फिर से कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि कांग्रेसी नेताओं के हालात यह हो गए हैं कि उनका पार्टी में दम घुटने लगा है। कांग्रेस में आजतक लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया है। पिछले दिनों कुछ लोगों ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अपनी आवाज उठाने की कोशिश की तो उनकी आवाज दबा दी गई । 45 साल पहले इस दिन सत्ता के लालच में एक परिवार ने देश में आपातकाल लागू कर दिया । रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया । प्रेस, अदालतें, मुक्त भाषण ... सब खत्म हो गए. गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए । इस सबके दौरान अमित शाह ने कांग्रेस को कई नसीहतें भी दे डालीं।
उन्होंने कहा, 'भारत के विपक्षी दलों में से कांग्रेस को खुद से कुछ सवाल पूछने की जरूरत है । आपातकाल जैसी विचारधारा अभी भी क्यों पार्टी में है? ऐसे नेता जो एक वंश के नहीं हैं, बोलने में असमर्थ क्यों हैं? कांग्रेस में नेता क्यों निराश हो रहे हैं? अगर वह सवाल नहीं पूछते हैं तो लोगों से उनका जुड़ाव और कम हो जाएगा ।'
असल में आपातकाल की बरसी पर कांग्रेस पर हमलावर अंदाज में नजर आए अमित शाह ने कहा लाखों लोगों के प्रयासों के कारण आपातकाल हटा लिया गया था । भारत में लोकतंत्र बहाल हो गया था, लेकिन कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया । एक परिवार के हित पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी थे । यह खेदजनक स्थिति आज की कांग्रेस में भी पनपती है ।'
इस दौरान उन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस वर्किंग कमेटी का जिक्र करते हुए कहा, 'सीडब्ल्यूसी की हालिया बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने कुछ मुद्दों को उ.ठाया, लेकिन उन पर चिल्ला गया और उनकी आवाज को दबा दिया गया पार्टी के एक प्रवक्ता को बिना सोचे समझे बर्खास्त कर दिया गया । दुखद सच्चाई यह है कि कांग्रेस में नेता घुटन महसूस कर रहे हैं।'
विदित हो कि तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन पीएम इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा की थी । यह आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक लगा रहा । इन 21 महीनों में आम जनता के अधिकारों को खत्म कर दिया गया था ।