नई दिल्ली। राजनीतिक उथल-पुथल झेल रही रही दिल्ली सरकार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी दिल्ली सरकार को एक झटका दिया है। दरअसल दक्षिणी दिल्ली की एक कॉलोनी में सीवरेज व्यवस्था से संबंधित याचिका पर जवाब दाखिल न होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार पर 50,000 का रुपये का जुर्माना लगाया है। इस मामले पर एनजीटी के कार्यकारी चेयरपर्सन जस्टिस जवाद रहीम की पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार को अंतिम अवसर देने के बाद भी उसने जवाब दाखिल नहीं किया। दिल्ली सरकार को 19 जून को जवाब दाखिल कराने का अंतिम समय दिया गया था, लेकिन दिल्ली सरकार ने इतने महत्वपूर्ण मसले पर अपनी तरफ से कोई जवाब नहीम दिया।
ये भी पढ़े-अधिकारों की लड़ाई में ‘आप’ को मिला शिवसेना का साथ, कहा- चुनी हुई सरकार को काम न करने देना अन्याय
एनजीटी ने दिल्ली सरकार को जुर्माने की आधी रकम उसकी कानूनी सहायता प्रदान करने वाली कमेटी के खाते में जमा कराने और बाकि की रकम याचिकाकर्ता को देने का अदेश दिया है।
यहां आपको बता दें कि चारवी मेहता और अन्य की तरफ से एनजीटी में याचिका दायर कर कहा था कि कुछ घरों में सीवर का पानी बह रहा है, जिस पर रोक लगाई जाए क्योंकि यह पर्यावरण के लिहाज से नुकसान दायक है।
गौरतलब है कि इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने दक्षिणी निगम को पर्यावरण कॉप्लेक्स एरिया में व्यवस्था जांचने के लिए कहा था। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने एनजीटी में जवाब दाखिल कर कहा था कि संबंधित प्रॉपर्टी अवैध है। दिल्ली जल बोर्ड इस मसले पर मदद कर सकता है।