नई दिल्ली। सेना प्रमुख विपिन रावत ने देश में बढ़ रहे कट्टरपंथ पर अपनी चिंता जाहिर की है। बुधवार को जनरल रावत ने रायसीना डायलाॅग कार्यक्रम में कहा कि जब तक आतंकवाद को सरकारी तौर पर बढ़ावा दिया जाएगा तब तक यह मौजूद रहेगा। उन्होंने सोशल मीडिया का हवाला देते हुए कहा कि आज आतंकवाद कई रूपों में सामने आ रहा है। सेना प्रमुख ने देश और दुनिया में बढ़ रहे कट्टरपंथ के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि इस पर नियंत्रण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कट्टरपंथ का प्रसार भी युद्ध की एक तरीका है।
गौरतलब है कि सेना प्रमुख इससे पहले भी आतंकवाद को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने ड्यूटी के दौरान जवानों और अधिकारियों के लिए मोबाइल बैन करने की भी बात कही थी। अब उन्होंने रायसीना डायलाॅग कार्यक्रम में कहा कि सोशल मीडिया के जरिए आतंकी सगठन फंड जुटाने का काम करते हैं ऐसे में इस पर लगाम लगाने की जरूरत है।
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यहां बता दें कि अमेरिका के द्वारा अफगानिस्तान से सेना वापस बुलाए जाने के बाद वहां चल रही शांति प्रक्रिया पर उन्होंने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत होनी चाहिए लेकिन यह बातचीत बिना किसी शर्त के होनी चाहिए। आपको बता दें कि जनरल विपिन रावत ने कहा है कि सोशल मीडिया को इस बात का ध्यान रखने होगा कि गलत और झूठी खबरों के चलते कट्टरता को बढ़ावा न दिया जाए।